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चूड़धार ट्रैक यात्रा अब और महंगी: 1 मई 2025 से लागू होंगे नए शुल्क

चूड़धार ट्रैक यात्रा अब और महंगी: 1 मई 2025 से लागू होंगे नए शुल्क

चूड़धार ट्रैक यात्रा अब और महंगी: 1 मई 2025 से लागू होंगे नए शुल्क

चूड़धार ट्रैक यात्रा अब और महंगी: 1 मई 2025 से लागू होंगे नए शुल्क

हिमाचल प्रदेश में चूड़धार ट्रैक हेतु आने वाले दर्शनार्थियों को भरना होगा अब अतिरिक्त शुल्क। जी हां, शिवालिक पर्वत की सबसे ऊंची श्रृंखला चूड़धार ट्रैक जो हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में स्थित है यहां चढ़ाई करने के लिए अब पर्यटकों को पहले से ज्यादा दाम चुकाने होंगे।

यह नए नियम 1 मई 2025 से लागू माने जाएंगे। जहां इस लोकप्रिय तीर्थ स्थल पर ट्रैकिंग के माध्यम से पहुंचने वाले तीर्थ यात्रियों और पर्यटकों को अब अतिरिक्त खर्च करना होगा।

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ट्रैकिंग प्रेमियों के लिए स्वर्ग से कम नहीं हिमाचल का चूड़धार ट्रैक

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बता दे चूड़धार ट्रैक जिसे हिमालय के स्थानीय लोग चूड़ी-चांदनी धार के नाम से भी जानते हैं यह हिमाचल के शिवालिक पर्वत श्रृंखला की सबसे ऊंची चोटी पर स्थित है।

यहां चूड़ेश्वर महादेव का प्रसिद्ध मंदिर है जिसकी वजह से इस स्थान की धार्मिक महत्वता और ज्यादा बढ़ जाती है। साथ ही साथ यह स्थान न केवल तीर्थ यात्रियों के लिए बल्कि ट्रैकिंग प्रेमियों के लिए भी हमेशा से ही आकर्षण का केंद्र रहा है। प्राकृतिक सुंदरता और हिमालय की छटाओं के बीच शांत वातावरण का अनुभव करने वाले लोग हमेशा इस ट्रैक के प्रति आकर्षित रहते हैं।

जैसा कि हमने बताया 1 मई 2025 से हिमाचल प्रदेश राज्य सरकार इस क्षेत्र में प्रवेश के लिए शुल्क वृद्धि करने वाली है। नई शुल्क संरचना की नई दरें जल्द ही आधिकारिक रूप से घोषित की जाएगी। परंतु इतना स्पष्ट है कि ट्रैकिंग, कैंपिंग और अन्य गतिविधियों पर इसका पूरा प्रभाव पड़ेगा जिससे यह ट्रैकिंग स्थल अब और ज्यादा महंगा हो जाएगा।

हालांकि हिमाचल प्रदेश राज्य सरकार का कहना है कि शुल्क बढ़ाने का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण सुनिश्चित करना बुनियादी ढांचे को बेहतर करना और स्थानीय समुदायों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करना है।

चूड़धार ट्रैक का विवरण

बात करें इस ट्रैकिंग मार्ग के अनुभव की तो यह ट्रैकिंग मार्ग नोहरधार से शुरू होता है जो इस ट्रैक का बेस कैंप है। यह ट्रैक 18 से 20 किलोमीटर लंबा है जिसे पूरा करने में करीबन 7 से 8 घंटे का समय लगता है। यह ट्रैक ज्यादा मुश्किल नहीं है परंतु शुरुआती ट्रैक्टर्स के लिए यह थोड़ा सा कष्टकारी हो सकता है।

इस मार्ग में देवदार, बुरांश और ओक के घने जंगलों से गुजरते हुए ट्रैकिंग करनी पड़ती है जहां ट्रैक्टर्स को हिमालयीन जानवर और पक्षियों की झलक भी देखने को मिलती है। जहां पर्वत की चोटी पर पहुंचने के बाद ट्रैक्टर्स को हिमालय के अद्भुत नजारे दिखाई देते हैं।

कुल मिलाकर हिमाचल राज्य सरकार 1 मई 2025 से चूड़धार ट्रैक में प्रवेश शुल्क में वृद्धि करने वाली है ताकि प्रदेश में पर्यटन हेतु बुनियादी ढांचे का विकास किया जा सके और स्थानीय समुदायों को भी बेहतर आय के साधन उपलब्ध कराए जा सके। शुल्क बढ़ने की वजह से बेशक यह यात्रा पहले से ज्यादा महंगी हो जाएगी परंतु धार्मिक महत्व, प्राकृतिक सुंदरता और ट्रैकिंग का अनूठा अनुभव इस यात्रा को यादगार जरूर बना देगा।

Written by Newsghat Desk

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