पेंशनर्स नाराज: सरकार ने फिर तोड़ी उम्मीदें! बजट से निराशा, मंहगाई भत्ते पर संशय
पांवटा साहिब : पेंशनर्स का गुस्सा फूटा! सरकार ने बजट में एक बार फिर निराश किया। पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन की बैठक में नाराजगी छाई रही।
4 अप्रैल 2025 को डॉ. विपन कालिया की अध्यक्षता में बैठक हुई। महासचिव टी.पी. सिंह ने बताया कि पेंशनर्स को बजट से बड़ी उम्मीद थी। लेकिन सरकार ने सिर्फ 3% मंहगाई भत्ता दिया, जो जुलाई 2024 की किश्त है।
पेंशनर्स का कहना है कि 4% की दो किश्तें पहले से बाकी हैं। सरकार ने इनका जिक्र तक नहीं किया। संदेह है कि सरकार इन्हें देना ही नहीं चाहती। इससे पेंशनर्स में आक्रोश बढ़ रहा है।
अब मंहगाई भत्ता 55% देय है, पर सरकार 42% पर अटकाए हुए है। पेंशनर्स ने चेतावनी दी कि इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सरकार खुद देनदारियां बढ़ाने की जिम्मेदार है।
बैठक में यह भी उठा कि सरकार ने अपनी सैलरी बढ़ाने में देर नहीं की। 15 मिनट में फैसला हो गया। 2030 की बढ़ोतरी भी अभी कर दी। लेकिन पेंशनर्स 2016 से बकाया मांग रहे हैं।
चिकित्सा बिलों का भुगतान भी अटका है। बजट की कमी बताई जा रही है। पेंशनर्स ने मांग की कि 2016 से जनवरी 2022 तक रिटायर हुए लोगों को लाभ तुरंत मिले।
फिक्स मेडिकल भत्ता 1000 रुपये मासिक करने की मांग भी उठी। साथ ही, 8-9-22 के पुनर्निधारण का बकाया महालेखाकार से निकलवाने को कहा गया।
सुचारू यातायात के लिए बद्रीपुर चौक पर लाल बत्ती की सराहना की। लेकिन वाई पॉइंट, परशुराम चौक और विश्वकर्मा चौक पर भी यह सुविधा मांगी। इससे हादसे रुक सकते हैं।
बद्रीपुर चौक के बंद शौचालय को फिर शुरू करने की मांग हुई। बैठक में डॉ. विपन कालिया, टी.पी. सिंह, शांति स्वरूप गुप्ता समेत कई सदस्य शामिल रहे।
पेंशनर्स ने सरकार से त्वरित कार्रवाई की गुहार लगाई। उनका कहना है कि अब और इंतजार नहीं हो सकता। क्या सरकार उनकी सुनवाई करेगी? यह सवाल बना हुआ है।