हिमाचल में फर्जी मार्कशीट से डाक सेवक बने, तीन पर FIR दर्ज……
हिमाचल प्रदेश के डाक विभाग में फर्जीवाड़े का सनसनीखेज मामला सामने आया है। तीन युवकों ने नकली मार्कशीट के सहारे ग्रामीण डाक सेवक की नौकरी हासिल की। सीबीआई ने इनके खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है।
पहला मामला राजस्थान के लोकेश सिंह का है। भरतपुर निवासी लोकेश ने फर्जी 10वीं की मार्कशीट जमा की थी। इसके आधार पर उसे शिमला के रामपुर में डाक सेवक की नौकरी मिली। वह 2021 से 2023 तक तैनात रहा। सत्यापन में मार्कशीट नकली निकली।
दूसरा आरोपी हरियाणा का ओमवीर है। चरखी दादरी निवासी ओमवीर को 2022 में कुल्लू में शाखा पोस्टमास्टर बनाया गया। उसकी मार्कशीट भी सत्यापन में फर्जी पाई गई। विभाग ने सितंबर 2023 में उसकी सेवाएं खत्म कर दीं।
तीसरा मामला बिहार के नौशाद कुरैशी का है। छपरा निवासी नौशाद को धर्मशाला के अरला डाकघर में शाखा डाकपाल बनाया गया। उसने भी फर्जी दस्तावेज जमा किए। मेरिट के आधार पर उसका चयन हुआ था।
सीबीआई ने तीनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। जांच में पता चला कि ये फर्जी मार्कशीट इलाहाबाद और प्रयागराज के नाम पर बनाई गई थीं। विभाग ने नियुक्तियों से पहले दस्तावेजों की जांच नहीं की थी।
अधिकारियों को शक है कि इसके पीछे कोई बड़ा गिरोह हो सकता है। सीबीआई अब पूरे मामले की तह तक जा रही है। फर्जीवाड़े के तरीके और अन्य संदिग्धों की तलाश जारी है।
यह मामला डाक विभाग की भर्ती प्रक्रिया पर सवाल उठाता है। सत्यापन में देरी के कारण फर्जी लोग नौकरी पा गए। अब विभाग सख्त कदम उठाने की बात कह रहा है।
आम लोग भी इस खबर से हैरान हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में डाक सेवकों की भूमिका अहम होती है। ऐसे में फर्जीवाड़ा चिंता का विषय है। सीबीआई की जांच से सच सामने आने की उम्मीद है।