अकेलेपन से जंग लड़ते 76 वर्षीय जगत थापा, संकल्प सोसायटी बनी सहारा; पांवटा सिविल अस्पताल में कैंसर का इलाज जारी
पांवटा साहिब :जिंदगी की सबसे बड़ी त्रासदी तब होती है, जब बीमारी के साथ अकेलापन भी साथ खड़ा हो। नेपाल सीमा क्षेत्र से आए 76 वर्षीय जगत थापा आज इसी हकीकत से जूझ रहे हैं।

जगत थापा गले के कैंसर से पीड़ित हैं। इससे भी अधिक दर्दनाक सच्चाई यह है कि उनकी पत्नी और बेटी का पहले ही निधन हो चुका है। परिवार में उनकी देखरेख करने वाला कोई नहीं है। न कोई रिश्तेदार, न मां-बाप और न ही कोई संतान।
ऐसे हालात में सहायता संकल्प सोसायटी उनके जीवन का सबसे बड़ा सहारा बनकर सामने आई है। सोसायटी के संचालक पवन बोहरा ने न केवल इलाज की जिम्मेदारी उठाई, बल्कि इंसानियत का फर्ज भी निभाया।

जानकारी के अनुसार, 8 तारीख को 108 एंबुलेंस सेवा के माध्यम से जगत थापा को सिविल हॉस्पिटल, पांवटा साहिब में भर्ती कराया गया था। तभी से उनका उपचार लगातार जारी है।
अस्पताल में उनका इलाज डॉ. पीयूष तिवारी द्वारा किया जा रहा है। चिकित्सकों के अनुसार, बीमारी गंभीर है, लेकिन समय पर इलाज मिलने से उपचार संभव है।

संकल्प सोसायटी द्वारा जगत थापा के खाने-पीने, दवाइयों, जांच और अन्य जरूरी खर्चों की पूरी व्यवस्था की जा रही है। एक ऐसे बुजुर्ग के लिए, जिसके पास अपना कहने वाला कोई नहीं, यह सहयोग जीवनदायी साबित हो रहा है।
पवन बोहरा का कहना है कि समाज को ऐसे लोगों के साथ खड़ा होना चाहिए, जो असहाय और अकेले हैं। “जगत थापा अब हमारे परिवार का हिस्सा हैं। उनके इलाज और देखभाल में कोई कमी नहीं आने दी जाएगी,” उन्होंने कहा।
स्थानीय लोगों ने भी इस मानवीय पहल की खुलकर सराहना की है। उनका कहना है कि संकल्प सोसायटी जैसे प्रयास समाज में उम्मीद और संवेदनशीलता को जिंदा रखते हैं।
आज जगत थापा अस्पताल में इलाजरत हैं। उनकी आंखों में दर्द है, लेकिन साथ ही एक भरोसा भी—कि इस कठिन लड़ाई में वे अब अकेले नहीं हैं।


