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अगर निवेश करने के लिए नही है पैसा तो जाने कैसे करें निवेश ? क्या है SIP, इसमें है फायदा ही फायदा…

अगर निवेश करने के लिए नही है पैसा तो जाने कैसे करें निवेश ? क्या है SIP, इसमें है फायदा ही फायदा…

अगर निवेश करने के लिए नही है पैसा तो जाने कैसे करें निवेश ? क्या है SIP, इसमें है फायदा ही फायदा…

देश में मंदी की मार झेल रहे आम लोगों के लिए सबसे विकट स्थिति ये ही होती है कि भविष्य की सुरक्षा के लिए कैसी रणनीति पर काम किया जाए ? ताकि अपने व परिवार के भविष्य को सुरक्षित बनाया जा सके। तो इसके लिए SIP के रूप में हमारे पास एक ऐसे रणनीति मौजूद है जो हमारी जरूरतों पर खरा उतर सकती है। आज हम यहां इसी बारे में विस्तार से बात करेंगे कि SIP क्या है? SIP कैसे काम करती है? SIP का फायदा क्या है ?

SIP क्या है ?

SIP की फुल फॉर्म Systematic Investment Plan है। थोड़ा और आगे बढ़ें तो इसका मतलब एक ऐसे तरीके से है जिसमें निवेश एक व्यवस्थित योजना के साथ क्रम बद्ध तरीके से किया जाता है। अगर इसकी सबसे खास बात ये है कि इसे बेहद कम रकम के साथ शुरू किया जा सकता है।

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आम लोग हमेशा मानते हैं कि निवेश से बड़ा मुनाफा पाने के लिए बड़ी रकम की जरूरत होती है। हालांकि वास्तविकता इससे बिल्कुल अलग है। दशकों से आम भारतीयों के घरों में गुल्लक से लेकर बैंक या पोस्ट ऑफिस में थोड़ी थोड़ी रकम जोड़ना आम बात रही है।

निवेश के इस तरीके में सिर्फ एक कमी है कि इसका रिटर्न सीमित ही रहता है। हालांकि फाइनेंशियल मार्केट के जानकारों ने इस कमी का भी हल खोज लिया है। जिसका नाम है एसआईपी एक ऐसा तरीका होता है जिसमें निवेशक छोटी छोटी रकम से निवेश करता है और किसी भी एफडी से कई ज्यादा रिटर्न की उम्मीद रख सकता है।

क्या है SIP की खासियत ?

SIP-Systematic Investment Plan की सबसे बड़ी खासियत की बात करें तो इसे बेहद कम रकम के साथ शुरू किया जा सकता है। निवेशक 500 रुपये या एक हजार रुपये महीने के साथ निवेश शुरू कर सकते हैं, और आने वाले समय में इस छोटी छोटी रकम के साथ बड़ा निवेश तैयार कर सकते हैं।

सीमित आय और वेतन पाने वालों के लिए एसआईपी भविष्य में अपने सपने पूरे करने का सबसे आसान और कारगर तरीका है।

SIP में है फायदा ही फायदा ?

SIP का सबसे बड़ा फायदा है कि आप छोटी छोटी रकम के साथ निवेश शुरू कर सकते हैं। वहीं बाजार में उतार-चढ़ाव के बीच एसआईपी के निवेशकों को कीमतों में औसत का फायदा मिलता है।

उदाहरण के लिए अगर किसी महीने यूनिट की कीमत गिरती हैं तो फंड उतनी ही रकम में ज्यादा यूनिट ग्राहक को जारी करता है। इससे गिरावट के दौरान कीमते घटने का फायदा ग्राहक को मिल जाता है क्योंकि औसत खरीद घटने से उसकी यूनिट की संख्या बढ़ जाती है।

बाजार के वापस बढ़ने से इसका असर साफ तौर पर निवेश पर दिखता है। एसआईपी कितनी फायदेमंद होती है उसका पता इस बात से चलता है कि अगर कोई निवेशक 1000 रुपये हर महीने का निवेश अगले 20 साल तक करे तो 12 प्रतिशत के औसत रिटर्न में उसके निवेश का कुल मूल्य 10 लाख रुपये के करीब पहुंच जाता है।

अगर आप भी ऐसा रिटर्न पाना चाहते हैं तो 5paisa आपको उन स्कीम के चुनाव में मदद कर सकता है जहां आप हर साल ऊंचे रिटर्न पा सकते हैं और अपनी छोटी सी रकम को बड़ी दौलत में बदलता देख सकते हैं।

आइए जानें कैसे काम करती है SIP ?

Mutual Funds अपनी स्कीम में एसआईपी के जरिए निवेश का विकल्प देते हैं। फंड्स इस निवेश पर निवेशकों को यूनिट जारी करते हैं, हर यूनिट की एक वैल्यू होती है जिसमें उतार-चढ़ाव होता रहता है।

एसआईपी का चुनाव करने वाले निवेशक के खाते से हर महीने एक रकम कटती है। एसआईपी में हर महीने कटने वाली ये रकम और खाते से पैसे कटने की तारीख पहले से ही तय होती है।

एसआईपी में 500 रुपये प्रति महीने जैसी छोटी रकम से निवेश किया जा सकता है। फंड निवेशक को एसआईपी की रकम के आधार पर यूनिट जारी करता है।

समय के साथ निवेशक जितनी ज्यादा रकम जमा करता है उसके खाते में उतनी यूनिट बढ़ती जाती है। निवेशक जरूरत पड़ने पर यूनिट बेच कर अपनी रकम निकाल सकता है।

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Written by newsghat

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