अब से T-20 मे फॉलो किया जाएगा नया नियम, अगर गेंद पर लगा ठीक तो…
मॉकडिंग को अब माना जायेगा ऑफिशियल रनआउट, इसके इलाका
एमसीसी ने आईसीसी कीआचार संहिता की धारा 41.3 मे संशोधन किया है। उसने क्रिकेट मे गेंद चमकाने के लिए थूक के इस्तमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है। आपको बता दें, की पहले ये नियम सिर्फ कोविड – 19 के कारण लागू किया गया था।
रवि अश्विन ने आईपीएल के दौरान जोस बटलर को मांकड़िंग रन आउट कर दिया था। इसके बाद बहुत से लोगों उनकी खेल भावना को लेकर सवाल उठाए थे। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में गेंद पर लार के इस्तेमाल को अब गेंद से छेड़छाड़ (Ball Tampering) माना जाएगा, जबकि मांकडिंग को ऑफिशियल (आधिकारिक तौर पर) रन आउट माना जाएगा।
मेरिलबोन क्रिकेट क्लब (एमसीसी) ने बुधवार यानी 9 मार्च 2022 को इंटरनेशनल क्रिकेट के नियमों में संशोधन का ऐलान किया। ये कानून इस साल एक अक्टूबर के बाद लागू किए जाएंगे। इसका मतलब है कि ऑस्ट्रेलिया में होने वाले टी20 वर्ल्ड कप से पहले क्रिकेट के नियम बदल जाएंगे।
खेल के नियमों में मांकडिंग को ‘नॉनस्ट्राइकर को रन आउट’ के रूप में संदर्भित किया गया है। इसका मतलब है कि नॉनस्ट्राइकर छोर पर अपनी क्रीज से आगे बढ़ते हुए बल्लेबाज को गेंदबाज द्वारा रन आउट कर दिया जाए। मांकडिंग को लेकर लंबे समय से विवादा रहा है। बहुत से क्रिकेट विशेषज्ञों की राय में यह खेल भावना के विपरीत है।
एमसीसी ने आईसीसी की आचार संहिता की धारा 41.3 में संशोधन किया है। अब क्रिकेट में गेंद को चमकाने के लिए थूक के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है। पहले इसे केवल कोविड-19 के कारण लागू किया गया था। अब एमसीसी (MCC) इसे कानून बना रही है। खिलाड़ी गेंद को चमकाने के लिए पसीने का इस्तेमाल कर रहे थे। यह भी उतना ही प्रभावी था।
नया कानून गेंद पर सलाइवा (थूक) लगाने की मंजूरी नहीं देगा। दरअसल, गेंद पर अपनी लार लगाने के लिए खिलाड़ी शुगर वाले प्रोडेक्ट का इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में गेंद पर लार का इस्तेमाल उसी तरह माना जाएगा जैसे गेंद की स्थिति को बदलने के किसी अन्य अनुचित तरीके का उपयोग किया जाता है।
एमसीसी ने आईसीसी की धारा 18 में भी संशोधन किया है। नए नियम के मुताबिक, किसी भी खिलाड़ी के आउट होने के बाद मैदान पर आने वाला नया खिलाड़ी ही स्ट्राइक लेगा। भले ही विकेट गिरने से पहले खिलाड़ियों की स्ट्राइक क्यों न बदल गई हो।
अब तक कैच आउट होने से पहले अगर शॉट लगाने वाले बल्लेबाज दूसरे छोर पर पहुंच जाता था या आधी क्रीज पार कर लेता था तो नया बल्लेबाज नॉन स्ट्राइकर छोर पर रहता था। अब किसी भी तरह से आउट होने पर नया खिलाड़ी ही स्ट्राइक लेगा।
एमसीसी ने डेड बॉल के नियम में भी बदलाव किया है। मैच के मैदान में किसी व्यक्ति, जानवर या अन्य वस्तु से किसी भी पक्ष को नुकसान होता है, तो वह डेड बॉल मानी जाएगी। मैदान पर अचानक घुसने वाले फैंस या अचानक कुत्ते या अन्य जानवर के आने से खेल पर कोई असर पड़ता है तो अंपायर कॉल करेंगे और डेड बॉल का संकेत देंगे।
आपको बता दें कि, वीनू मांकड़ के सरनेम पर पड़ा ‘मांकडिंग रन आउट’ का नाम
जब बॉलर के बॉल फेंकने से पहले नॉन स्ट्राइक छोर का बल्लेबाज क्रीज से छोड़ देता है और गेंदबाज हाथ रोककर उस छोर की गिल्लियां गिरा देता है तो इसे मांकडिंग कहा जाता है। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में इस तरह से आउट होने वाले पहले बल्लेबाज जोस बटलर थे।
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच एक टेस्ट मैच के दौरान भारत के वीनू मांकड़ ने ऑस्ट्रेलिया के विल ब्राउन को ऐसी ही आउट किया था। इसके बाद से वीनू के सरनेम के आधार पर यह तरीका ‘मांकडिंग’ कहलाया।
क्रिकेट में यह नियम लागू तो होता है, लेकिन राय बंटी हुई है। कुछ जानकार और पूर्व खिलाड़ी इसके पक्ष में हैं तो कुछ का कहना है कि बल्लेबाज को आउट करने का यह तरीका खेल भावना के विपरीत है।
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