आंखों से पढ़ें झूठ: जानें झूठे व्यक्ति की पहचान के 5 पक्के अचूक नुस्खे! ऐसे करें झूठे व्यक्ति की करें पहचान
आंखों से पढ़ें झूठ: हमारे बड़े बुजुर्ग कहते थे कि इंसान की आंखें बोलती हैं। वही मनोवैज्ञानिकों का भी मानना है कि इंसान की आंखें और उसके हाव भाव ही उसके पूरे अस्तित्व का बखान कर देते हैं।
आंखों से पढ़ें झूठ: जानें झूठे व्यक्ति की पहचान के 5 पक्के अचूक नुस्खे! ऐसे करें झूठे व्यक्ति की करें पहचान
जी हां यह बात 100% सच है। व्यक्ति की आंखें उसका बिहेवियर उसकी पूरी पर्सनालिटी का लेखा जोखा सामने रख देते हैं।
हमारी आंखें हमारे हाव भाव हमारी खुशी, हमारे दुख ,हमारी सच्चाई, और हमारे झूठ को बयां कर देते हैं।
मतलब यदि आपको किसी व्यक्ति के झूठ की पहचान करनी है तो आप उसे व्यक्ति की आंखों में देखकर और उस व्यक्ति के व्यवहार को देखकर यह पता कर सकते हैं कि वह व्यक्ति सच बोल रहा है या झूठ?
हर व्यक्ति के होते हैं पर्सनैलिटी ट्रेट
मनोविज्ञान का मानना है कि हर व्यक्ति के इमोशंस उसकी आंखों तक पहुंचते हैं। हर व्यक्ति के कुछ पर्सनैलिटी ट्रेट होते हैं और यह पर्सनालिटी ट्रेट ही उस व्यक्ति के झूठ की पोल खोलते हैं।
झूठ बोलने वाले व्यक्ति की कुछ ऐसी आदतें होती हैं जो आसानी से हमें यह बताती है कि व्यक्ति झूठ बोल रहा है। कुछ ऐसी खास बातें जिनकी पहचान कर आप आसानी से झूठे व्यक्ति को पहचान सकते हैं और धोखा खाने से बच सकते हैं।
झूठे व्यक्ति की पहचान किस प्रकार करें?
रोजाना हम कितने ही ऐसे लोगों से मिलते हैं जो अपनी बातों में झूठ की मिश्री घोलकर हमसे बात करते हैं।
यदि आप भी ऐसे झूठे लोगों की पहचान करना चाहते हैं तो आपको केवल कुछ विशेष संकेतों पर ध्यान देना होगा और बात करने वाले व्यक्ति की पर्सनैलिटी उसके हाव-भाव उसकी आंखों के माध्यम से आप पता कर लेंगे कि व्यक्ति सच बोल रहा है या झूठ
अतिशयोक्ति का इस्तेमाल
झूठ बोलने वाला व्यक्ति हमेशा बात करते-करते अतिशयोक्ति का इस्तेमाल करने लगता है। अर्थात झूठ बोलने वाला व्यक्ति किसी भी स्थिति को बढ़ा चढ़ा कर दिखाता है।
झूठ बोलने वाला व्यक्ति बिना सोचे समझे स्थिति को ज्यादा रोचक और विशेष दिखाने की कोशिश करता है। ऐसे में आप उसकी बातों से ही अंदाजा लगा सकते हैं कि वह व्यक्ति अपनी बातों में किस प्रकार झूठ की मिलावट कर रहा है।
नज़रें चुरा कर बात करना
झूठ बोलने वाला व्यक्ति हमेशा बात करते समय नजरे चुरा कर बात करता है वह आंखों में आंखें डालकर बात करने की हिम्मत नहीं रखता।
बात करते समय आमतौर पर ऐसे व्यक्ति या तो इधर-उधर देखते हैं या तो जबरदस्ती हाथ पैरों की विशिष्ट मूवमेंट करते हैं जिससे कि आपका ध्यान भटकता रहे और उनकी आंखों में आप ना देखें।
यह एक खास पहचान होती है जिससे आप पता कर सकते हैं कि सामने वाला व्यक्ति झूठ बोल रहा है।
बिना तर्क की बातें करना
झूठ बोलने वाले व्यक्ति की एक और खास पहचान होती है कि वह बिना तर्क की बातें करता है। वह बात करते समय एक साथ ऐसी कई सारी बातें करता है जिनका आपस में कोई संबंध नहीं होता और तथ्य भी मेल नहीं खाते।
यदि किसी से बात करते वक्त आपको भी लगता है कि सामने वाले व्यक्ति की बात में कोई तर्क नहीं है इसका मतलब वह 100% झूठ बोल रहा है।
इमोशंस को ट्रिगर करना
झूठ बोलने वाले व्यक्ति की एक और खास बात होती है कि वह हमेशा अपनी समस्याओं और दुखों को इस तरह पेश करते हैं कि आप उन्हें सहानुभूति देने लगे।
झूठ बोलने वाला व्यक्ति हमेशा इमोशनल कार्ड खेलने की कोशिश करता है ताकि आप उनके दुखों पर ही ध्यान दें और उनके झूठ को भूल जाए।
ऐसे में हमेशा किसी भी प्रकार का निर्णय लेने से पहले अपने इमोशंस पर काबू रखें और झूठ बोलने वाले व्यक्ति के झूठ को अपने तर्कों से पकड़े।
आवाज में प्रेशर या डिस्कमफर्ट
झूठ बोलने वाले व्यक्ति की आवाज हमेशा एक समान नहीं होती। झूठ बोलने वाला व्यक्ति अचानक से कभी भी बहुत तेज बोलते हैं या तो कभी काफी धीमा बोलते हैं।
झूठ बोलने वाले व्यक्ति की बातों में झिझक और घबराहट भी होती है । ऐसे में यदि आपको किसी की बातों में प्रेशर या डिस्कम्फर्ट महसूस हो रहा है तो इसका मतलब सामने वाला व्यक्ति बातों में झूठ की मिलावट कर रहा है।
विशेष शब्द
उपलब्ध कराई गई है जानकारी मानव मनोविज्ञान और मनोवैज्ञानिकों द्वारा बताए गए कुछ मानवीय तथ्यों पर आधारित है। जरूरी नहीं है कि यह जानकारी हर व्यक्ति पर सही बैठे इसीलिए हमेशा सच और झूठ के बीच फैसला करने से पहले अपने विवेक का का इस्तेमाल करें।