आखिर कैसे पता चलेगा कि आप ओमिक्रोन वायरस से संक्रमित है
कितने दिनों में होती है इसकी जानकारी- जानें एक्सपर्ट की राय….
वर्तमान समय मे भारत समेत दुनिया भर में इन दिनों ओमिक्रोन का प्रसार जोरों पर है, तथा लगातर संक्रमितों की संख्या बहुत तेजी से बढ़ रहा है, ऐसे में यह सवाल उठता है कि आप ओमिक्रोन वायरस के लक्ष्ण को कैसे पहचाने ? इसके साथ ही यह कैसे पता चलेगा कि आप कोरोना संक्रमित हो गए हैं ? तथा इसके प्रमुख लक्षण क्या है ?
इसके लिये आज हम आपको गाजियाबाद स्थित यशोदा हास्पिटल के मैनेजिंग डायरेक्टर पीएन अरोड़ा जी ने जो बता कही है उसके बारे में हम बताने जा रहे है, तथा उनका कहना है कि संतोष की बात यह है कि ओमिक्रोन से लोग उस तरह से गंभीर नहीं हो रहे हैं, जैसा कि पिछेले वैरिएंट खासकर डेल्टा से होने वाले संक्रमण के दौरान दिखा था, और हालांकि, उनका यह भी कहना है कि ओमिक्रोन से होने वाला संक्रमण बहुत तेजी से फैलता है।
1. डा. अरोड़ा का कहना है कि ओमिक्रोन वैरिएंट से संक्रमित व्यक्ति में इसके लक्षण दो दिनों से लेकर दो सप्ताह तक दिखाई देता है, तथा उन्होंने यह भी कहा कि ओमिक्रोन को किसी भी रूप में हल्के में नहीं लेना चाहिए, और डा. अरोड़ा का कहना है कि ओमिक्रोन को सामान्य सर्दी जुकाम के रूप में नहीं लेना चाहिए।
ओमिक्रोन वायरस से संक्रमित होने वाले ज्यादातर लोगों को लगता है कि जैसे उन्हें ठंड लग गई है। गले में खराश, नाक बहने की दिक्कत व सिरदर्द होता है, इन लक्ष्णों को हल्के में नहीं लेना चाहिए तथा इसके पूर्व वैरिएंट्स से संक्रमित होने पर अक्सर ऐसा होता था कि लोगों की सूंघने की शक्ति या स्वाद चला जाता था या खांसी होता था या फिर तेज बुखार होता था।
उन्होंने कहा कि आधिकारिक तौर पर अभी भी इन्हीं तीन लक्षणों को कोरोना का निश्चित लक्षण माना जाता है, और आज के समय में दुनियाभर में इससे संक्रमित लोग अस्पतालों में भर्ती हो रहे हैं।
2. इसके साथ ही डॉ ने यह भी कहा कि ओमिक्रोन की जांच आरटी-पीसीआर टेस्ट से हो सकता है, तथा इस जांच के तहत लार के नमूने को पैथेलाजी लैब में भेजा जाता है।
यदि जांच के नतीजे पाजिटिव रहते हैं तब इससे भी पता चल सकता है कि यह ओमिक्रोन है या डेल्टा या फिर कुछ और। यदि आपको केवल यह पता करना है कि कोरोना संक्रमण है या नहीं तब इसके लिए रैपिड टेस्ट भी किया जा सकता है। अगर टेस्ट का नतीजा पाजिटिव रहता है तब यह आपको पता नहीं चलता कि यह ओमिक्रोन है या डेल्टा या फिर कुछ और है
3- इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि ओमिक्रोन की पुष्टि के लिए जीनोम सिक्वेंसिंग यानी जेनेटिक एनालिसिस जरूरी होता है और इसमें चार से पांच दिन लगते हैं, और ओमिक्रोन की पुष्टि के लिए उसके नतीजे कितनी जल्दी मिल सकता है यह इस बात पर निर्भर करता है इस इलाके में जांच करने वाले लैब्स में कितने के पास ओमिक्रोन की जांच की तकनीक उपलब्ध है।
उन्होंने यह भी कहा कि मिसाल के तौर पर ब्रिटेन जैसे देश में आधे से भी कम लैब्स के पास यह तकनीक उपलब्ध है, और बता दें कि भारत में इंडियन काउंसिल मेडिकल रिसर्च के महानिदेशक डरक्टर बलराम भार्गव ने पांच जनवरी को कहा था कि आइसीएमआर ने टाटा एमडी के साथ मिलकर एक टेस्टिंग किट बनाया है, जो कि चार घंटे में नतीजे दे देगा, तथा इस टेस्टिंग किट को डीसीजीआई ने मंजूरी दे दिया है।
आखिर ओमिक्रोन वैरिएंट दूसरों से कैसे अलग है…..
आपको बता दे कि ओमिक्रोन वायरस लगातार म्यूटेट करता हैं तथा कोरोना वायरस लगातार रूप बदलते रहता हैं, आपको बता दे कि उनका नया वर्जन आता रहता है, तथा इसी को वेरिएंट कहते हैं।
आपको यह भी बता दे कि इनमें कुछ वैरिएंट ज्यादा खतरनाक हो सकते हैं, या फिर ऐसे हो सकते हैं जो बहुत तेजी से फैलते हैं। तथा वैज्ञानिकों की शब्दावली में इन्हें वैरिएंट्स आफ कन्सर्न माना जाता है।
कोरोना वायरस में ऐसे बदलाव हुए हैं जो जिन्हें पहले कभी नहीं देखा गया, तथा इनमें से ज्यादातर बदलाव वायरस के उन हिस्सों में हुए हैं जहां मौजूदा वैक्सीन हमला करता है और वायरस के इस हिस्से को स्पाइक प्रोटीन कहा जाता है, और ओमिक्रोन वैरिएंट के स्पाइक प्रोटीन वाले हिस्से में हुए बदलाव की वजह से शुरू में ऐसी चिंता हुई कि शायद अभी जो वैक्सीन हैं वह ओमिक्रोन पर बेअसर हो सकता है।