Fair deal
Dr Naveen
in

आज का समाज और शिक्षक: बदलते दौर में भी गुरु की भूमिका सबसे अहम

आज का समाज और शिक्षक: बदलते दौर में भी गुरु की भूमिका सबसे अहम

आज का समाज और शिक्षक: बदलते दौर में भी गुरु की भूमिका सबसे अहम

आज का समाज और शिक्षक: बदलते दौर में भी गुरु की भूमिका सबसे अहम

 

पांवटा साहिब : कबीर की पंक्तियां “गुरु गोविंद दोउ खड़े…” आज भी शिक्षक की महत्ता को स्पष्ट करती हैं। समय चाहे प्राचीन रहा हो या आधुनिक, शिक्षक हर युग में समाज का मार्गदर्शक और राष्ट्र निर्माण का स्तंभ बने रहे हैं।

शिक्षक केवल पढ़ाने वाला व्यक्ति नहीं होता, वह युग सचेतक, संस्कारदाता और समाज को दिशा देने वाला पथप्रदर्शक होता है। राजनीति, विज्ञान और चिकित्सा अपने-अपने क्षेत्र में अहम हैं, लेकिन राष्ट्र को मजबूत बनाने का दायित्व शिक्षक ही निभाता है।

Bhushan Jewellers 2025

शिक्षा का बाज़ारीकरण और चुनौती

आज शिक्षा को व्यवसाय और बाज़ार की तरह देखा जाने लगा है। अभिभावक चाहते हैं कि उनके बच्चे अधिक से अधिक धन कमाएं। लेकिन शिक्षक की सोच इससे भिन्न होती है। वह चाहता है कि विद्यार्थी शिक्षा से संस्कारित होकर सुखी जीवन जिएं और समाज के लिए उपयोगी बनें।

डिजिटल युग की नई कसौटी

इंटरनेट, गूगल और यूट्यूब ने शिक्षा को आसान बनाया है। विद्यार्थी घर बैठे पाठ्य सामग्री हासिल कर सकते हैं। लेकिन सवाल यह है कि क्या केवल इन साधनों से पढ़ने वाला विद्यार्थी संवेदनशील और नैतिक मूल्यों से युक्त इंसान बन पाएगा? यही जगह है जहां एक शिक्षक की भूमिका और भी बड़ी हो जाती है।

आस्था और विश्वास का केंद्र

भारत आस्था का देश है। यहां पत्थर को भी ईश्वर मानकर पूजा जाता है। ऐसे समाज में शिक्षक को शुभ और मंगल का प्रतीक माना जाता है। शिक्षक की दक्षता और सृजनशीलता तभी प्रभावी होती है जब विद्यार्थी और अभिभावक का विश्वास उस पर कायम रहे।
विद्यार्थी अक्सर अपने पसंदीदा शिक्षक से प्रभावित होकर जीवन का लक्ष्य तय करते हैं।

नई पीढ़ी के लिए नई जिम्मेदारी

आज के समय में विद्यार्थियों के पास ज्ञान के अनगिनत स्रोत हैं। वे केवल शिक्षक से ही प्रभावित नहीं होते, बल्कि समाज के अन्य चेहरों को भी अपना आदर्श मानते हैं।
इसलिए शिक्षक को अपने ज्ञान को लगातार अद्यतन करना होगा। पाठ्य सामग्री को केवल जानकारी तक सीमित न रखकर उसमें संस्कार, सांस्कृतिक मूल्य और नैतिकता भी जोड़नी होगी।

शिक्षक दिवस पर संदेश

शिक्षक दिवस पर यह याद करना जरूरी है कि समाज शिक्षक को केवल वेतनभोगी कर्मचारी न समझे।
वह राष्ट्र निर्माता है, जो पीढ़ी दर पीढ़ी इंसानों को न केवल शिक्षित करता है, बल्कि उन्हें संवेदनशील और संस्कारित भी बनाता है।

जीवन प्रकाश जोशी का कहना है कि शिक्षक तभी राष्ट्र निर्माता कहलाएगा, जब वह ज्ञान के साथ मूल्यों और नैतिकता का संचार भी करे।

Written by Newsghat Desk

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Himachal News: सिविल अस्पताल पांवटा सहित प्रदेश के 34 स्वास्थ्य संस्थानों में जल्द लगेंगी नई सीटी स्कैन मशीन

Himachal News: सिविल अस्पताल पांवटा सहित प्रदेश के 34 स्वास्थ्य संस्थानों में जल्द लगेंगी नई सीटी स्कैन मशीन

पांवटा साहिब की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संतोष गुलाटी बनीं मिसाल

पांवटा साहिब की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संतोष गुलाटी बनीं मिसाल