आपकी हो रही थी जासूसी, मेटा ने की कार्यवाही, सुरक्षित किया डाटा..
कम्पनियों का प्रोफेशन ही था जासूसी, ये कंपनियां की गई बैन…
आप सभी के लिये यह खबर बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि आपको जानना चाहिये कि अगर आप फेसबुक, वॉट्सऐप और इंस्टाग्राम यूजर्स हैं, तो आपको सावधान रहने की जरूरत है।
मेटा की तरफ से जानकारी दी गई है कि भारत समेत दुनिया में करीब 7 ऐसी कंपनियों को ब्लॉक किया गया हैं, जो यूजर्स की ऑनलाइन गतिविधियों की ट्रैकिंग करती थी।
इन जासूसी करने वाली कंपनियों में एक भारतीय कपनी भी शामिल है। यह कंपनियां 100 देशों में अपने नेताओं, चुनाव अधिकारियों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और मशहूर हस्तियों को निशाना बनाकर उनकी जासूसी कर रही थी।
कम्पनियों का प्रोफेशन ही था जासूसी…
जाँच से निकली रिपोर्ट के मुताबिक यह कंपनियां जासूसी का प्रोफेशन काम करती थी,मलतब क्लाइंट से पैसे लेकर टारगेटेड व्यक्ति की जासूसी करती थीं।
इसीलिए इन्हें सर्विलेंस-फॉर-हायर वाली कंपनियां कहा जाता है। यह कंपनियां इंटरनेट पर लोगों की खुफिया जानकारी जुटाने, तथ्यों को तोड़ने-मरोड़ने पेश करने और उनके डिवाइस और अकाउंट में सेंधमारी कर सकती थीं।
सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनी मेटा ने इसे लेकर 100 से ज्यादा देशों के करीब 50,000 लोगों को अलर्ट भेजा है।
यह हैं बैन की गई कम्पनी…
जिन कम्पनियों पर कार्यवाही करते हुये ब्लॉक किया गया है उनमें से प्रमुख हैं बेलट्रॉक्स (भारत),साइट्रोक्स (उत्तर मैसेडोनिया), कोबवेब्स टेक्नोलॉजीज, कॉगनिट, ब्लैक क्यूब एवं ब्लूहॉक सीआई (इजराइल), अज्ञात कंपनी (चीन) आदि शामिल हैं। गौरतलब है कि इनमें एक कम्पनी भारत की भी है।
पेगासस भी था इसी का हिस्सा…
मेटा के मुताबिक जासूसी करने वाली कंपनियो की पहचान करीब एक माह की जांच के बाद की गई। साल 2019 में वॉट्सऐप की तरफ से इजराइली टेक्लनोलॉजी फर्म NSO Group के खिलाफ मुकदमा किया।
जिसकी तरफ से एक सॉफ्टवेयर विकसित किया गया था। जिसे पेगासस के नाम से जाना जाता था। यह सॉफ्टवेयर पत्रकारों, ह्यूमन राइट एक्टिविस्ट की जासूसी करने का काम करता था।