आरटीआई एक्टीविस्ट फैडरेशन ने उठाये आयोग की कार्यशैली पर सवाल
उच्च स्तरीय जांच की उठाई मांग, कहा जिलों मे सुनवाई फिर से हो शुरू
आरटीआई एक्टीविस्ट फैडरेशन की बैठक फेडरेशन के चेयरमैन आर एम रमौल की अध्यक्षता मे स्थानीय लोनिवि विश्राम गृह परिसर में सम्पन्न हुई।
इस बैठक मे सूचना आयोग की कार्यशैली पर सवाल उठाये गये। चेयरमैन ने कहा कि राज्य सूचना आयुक्त की कार्रवाई से आरटीआई कार्यकर्ता खुश नही है।
कार्यकर्ता अपना पैसा खर्च करके शिमला जा रहे हैं। परंतु वहां पर पूछा कुछ जाता है और जवाब कुछ मिलता है। पहले आयोग जिलानुसार अपील इकट्ठी करके जिले मे ही सुनवाई करता था लेकिन अब यह प्रथा बंद कर दी गई है जिससे कार्यकर्ता हताश और निराश है।
उन्हे बेवजह प्रताड़ना का शिकार होना पड़ रहा है। यही नही पिछले दो वर्ष से तो आयोग ने टीए डीए देना भी बंद कर दिया है।
फेडरेशन ने चुनाव आयोग की कार्यशैली की उच्च स्तरीय जांच की मांग उठाई है। क्योंकि आरटीआई कार्यकर्ता आयोग की कार्य प्रणाली से खुश नही है।
बैठक मे आयोग को सुझाव दिया गया कि फिर से जिले मे सुनवाई की प्रकिया शुरू की जाएं ताकि कार्यकर्ता प्रोत्साहित हो सके। साथ ही यह मांग भी की गई कि जब तक जिला मे सुनवाई शुरू नही होती शिमला जाने वाले कार्यकर्ताओं को टीए डीए प्रदान किया जाए।
बैठक मे कहा गया कि एक कार्यकर्ता ने नगर परिषद पांवटा साहिब मे हाउस टेक्स के बारे मे आरटीआई से सूचना मांगी जो आधी अधूरी प्रदान की गई है। न ही कमेटी ने हाऊस टेक्स बारे कोई सर्वे किया है।
सभा ने मांग की है कि जब तक सर्वे पूरा न हो जाए और जब तक लोगों की तसल्ली न हो जाए कमेटी हाऊस टेक्स के बारे मे लोगों को डराकर अपनी तानाशाही का प्रमाण न दें।
अन्यथा यह जन आंदोलन का रूप धारण कर लेगा। बैठक मे एनएच प्राधिकरण से भी मांग की गई है कि शहर के बीच एनएच के दोनो तरफ फुटपाथ बनाये और इसका लेवल सड़क से करीब एक फुट उपर रखें वरना फुटपाथ वाली जगह पार्किंग बन जाएगी।
बैठक मे आरएम रमौल, एमएल गुप्ता, एमएस कैंथ, चतर सिंह चौधरी, एनडी सरीन और इंद्रजीत सिंह आदि मौजूद रहे।