आरबीआई का बड़ा ऐलान: हाऊस कार लोन धारकों के लिए खुशखबरी! आरबीआई ने दी कितनी राहत देखें पूरी ख़बर
आरबीआई का बड़ा ऐलान: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए, ऋण किस्तों में किसी भी प्रकार की वृद्धि न करने का फैसला किया है।
इसका अर्थ है कि घर और वाहन जैसे ऋणों की मासिक किस्तों में कोई बढ़ोतरी नहीं होगी। इस निर्णय के पीछे कारण है देश की तेजी से बढ़ती आर्थिक विकास दर, जो कि वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 7.6 प्रतिशत रही।
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास के अनुसार, भारतीय अर्थव्यवस्था ने सभी अनुमानों को पार करते हुए बेहतर प्रदर्शन किया है।
इसके मद्देनजर, चालू वित्त वर्ष के विकास अनुमान में 0.5 प्रतिशत की वृद्धि की गई है, जो कि पहले 6.5 प्रतिशत थी और अब 7.0 प्रतिशत कर दी गई है।
रेपो दर, जो कि बैंकों को आरबीआई से ऋण लेने की दर होती है, को 6.5 प्रतिशत पर स्थिर रखा गया है। इसके अलावा, अन्य आर्थिक पैमाने जैसे कि स्टैंडर्ड जमा सुविधा दर (SDFR), मार्जिनल स्टैंडिंग सुविधा दर (MSFR), बैंक दर आदि भी यथावत रखे गए हैं।
गवर्नर दास का कहना है कि वैश्विक आर्थिक सुस्ती के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था सशक्त और मजबूत बनी हुई है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि रिजर्व बैंक की प्राथमिकता महंगाई को चार प्रतिशत के लक्षित दायरे में रखने की है।
इसके अनुसार, चालू वित्त वर्ष में खुदरा महंगाई का अनुमान 5.4 प्रतिशत पर बनाए रखा गया है, जिससे आर्थिक स्थिरता और विकास को बल मिलेगा।
आगे चलकर, तीसरी तिमाही में खुदरा महंगाई 5.6 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 5.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है। अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में महंगाई 5.2 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 4.0 प्रतिशत और तीसरी तिमाही में 4.7 प्रतिशत रह सकती है।
श्री दास ने यह भी कहा कि RBI की मौद्रिक नीति समिति की यह 32वीं बैठक थी और समिति ने सर्वसम्मति से रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर रखने का निर्णय लिया है।
इसके अतिरिक्त, पिछले वित्त वर्ष में नीतिगत दरों में की गई 2.50 प्रतिशत की कटौती का सकारात्मक प्रभाव अर्थव्यवस्था पर देखा जा रहा है।
उन्होंने यह भी बताया कि रबी की बुआई में आई तेजी और सब्जियों व ईंधन की कीमतों में नरमी से महंगाई में दो प्रतिशत की कमी आई है, लेकिन दिसंबर में महंगाई के बढ़ने का जोखिम भी दिख रहा है।