कोचिंग संस्थानों को 50 प्रतिशत क्षमता के साथ खोला जाए, डीसी से की यह मांग
कोचिंग एसोसिएशन सिरमौर ने डीसी को दिया ज्ञापन
हिमाचल प्रदेश में पिछले दो सालों से सरकार ने कोचिंग संस्थानों के साथ अलग व्यवहार किया है। जैसे ही कोरोना महामारी से जुड़े कोई भी नियम सरकार जारी करती है, तो सबसे पहले कोचिंग संस्थानों को बंद किया जाता है।
यह बात कोचिंग एसोसिएशन सिरमौर ने डीसी को दिए ज्ञापन में कही। उन्होंने कहा कि कोरोना के चलते कोचिंग संस्थान पिछले लंबे समय से बंद पड़े है।
एसोसिएशन ने कहा कि डीसी से मांग की है कि संस्थानों में कोरोना प्रोटोकॉल के तहत सभी दिशा निर्देश का पालन किया जाता है। सभी छात्र 18 वर्ष से अधिक आयु के है और सभी पूर्ण रूप से कोरोना टीकाकृत छात्रों को ही प्रशिक्षित किया जाता है।
उन्होंने कहा कि जिस प्रकार सरकारी, गैर सरकारी, उद्योगों व कार्यालय को 50 प्रतिशत क्षमता के साथ संचालित करने की अनुमति प्रदान की जाए।
एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने कहा कि कोरोना के चलते उनके संस्थान बंद होने के कारण उन्हें भारी नुकसान हुआ है।
उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थान के किराए, अध्यापकों की सेलरी व अन्य उपकरणों के रख रखाव का भुगतान करने पड़ रहे है, जिससे उन्हें भारी नुकसान हो रहा है। इसके साथ छात्रों का शिक्षा का स्तर भी लगातार गिर रहा है।
उन्होंने डीसी से आग्रह किया है कि 50 प्रतिशत के आधार पर उन्हें भी संस्थान खोलने की अनुमति दी जाए।