नाहन। शुक्रवार को नाहन में मुहर्रम मनाया गया। हजरत इमाम हुसैन की शहादत और कर्बला का वाकया याद करके गम मनाया गया। कोविड 19 प्रोटोकॉल के साथ मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा मुहर्रम मनाया गया। प्रशासन द्वारा इस बार मुहर्रम के दौरान ताजिए निकालने की अनुमति नहीं दी गई।
दरअसल मुहर्रम के मौके पर ऐतिहासिक शहर नाहन में मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा 4 ताजिए निकाले जाते थे, जिसमें बड़ी संख्या में लोग हिस्सा लेते थे। मगर पिछले 2 साल से कोविड-19 के चलते प्रशासन द्वारा ताजिए निकालने की अनुमति नहीं दी जा रही है। आज मुहर्रम पर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने सभी मोहल्लों में रखे गए ताजियों के सामने इबादत की।
जिला मुस्लिम वेलफेयर कमेटी के अध्यक्ष कैप्टन सलीम अहमद ने बताया कि मुहर्रम के दिन शहर के चार मोहल्लों से ताजिए निकाले जाते थे और इस दौरान निकाले जाने वाले जुलूस में भारी संख्या में लोग हिस्सा लेते थे। मगर इस बार समुदाय के लोगों द्वारा प्रशासन के आदेशों की पालना करते हुए कोविड-19 प्रोटोकोल के बीच मुहर्रम मनाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि मुहर्रम किसी त्योहार या खुशी का महीना नहीं बल्कि यह बेहद गम भरा महीना मुस्लिम समुदाय द्वारा माना जाता है और आज के दिन कर्बला शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाती है।
वहीं ताजिया कमेटी के अध्यक्ष मोहम्मद असलम सैयद ने बताया कि हजरत इमाम हुसैन की याद में ताजिए निकाले जाते है, जो इस बार नहीं निकाले जा सके। उन्होंने कहा कि ताजियों के दर्शन कर समुदाय के लोगों ने इबादत की। उन्होंने कहा कि इस दौरान कोरोना नियमों का पालन करते हुए जहां सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखा गया। वहीं हैंड सैनिटाइजर की भी विशेष व्यवस्था की गई थी।