कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत मनाई जा रही कृष्ण जन्माष्टमी, मंदिरों में विशेष व्यवस्था
सुबह से ही भक्तों का मंदिरों में आने का सिलसिला शुरू
मंदिर में प्रवेश के लिए मास्क पहनना अनिवार्य
कोरोना के चलते इस बार भी कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत का मनाया जा रहा है। सरकार व जिला प्रशासन के निर्देशों के बाद सभी मंदिर प्रबंधकों को भी प्रशासन द्वारा जरूरी हिदायतें जारी की गई है।
दरअसल ऐतिहासिक शहर नाहन के मंदिरों में आज सुबह से ही लोग मंदिरों पहुंचना शुरू हो गए थे। हालांकि इस बार ज्यादा भीड़ देखने को नहीं मिल रही। ऐतिहासिक शिव मंदिर रानीताल नाहन के पुजारी विक्रम सिंह ने बताया कि जिला प्रशासन के निर्देशों के मुताबिक लोगों को मंदिरों में प्रवेश करने दिया जा रहा है। साथ ही लोगों से मास्क पहनने व सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने की अपील की जा रही है। मंदिरों के मुख्य द्वार पर हैंड सैनिटाइजर की व्यवस्था की गई है।
शिव नवयुवक मंडल रानीताल के अध्यक्ष राहुल कुमार ने बताया कि हर बार नवयुवक मंडल द्वारा जन्माष्टमी धूमधाम के साथ आयोजित की जाती थी। मगर इस बार कोविड-19 के चलते नवयुवक मंडल द्वारा सूक्ष्म रूप से कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जा रही है।
उधर शहर के प्राचीन रघुनाथ मंदिर में भी कृष्ण भक्तों का आना सुबह से ही जारी रहा। यहां पहुंची महिला श्रद्धालू ने बताया कि हर बार इस मंदिर में धूमधाम से कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती थी, मगर अब कोरोना के चलते जन्माष्टमी को सूक्ष्म रूप में मनाई जा रही है। सिर्फ जरूरी औपचारिकताएं ही निभाई जा रही है।