क्या आप भी है एंग्जाइटी के शिकार, इन 5 टिप्स को फॉलो कर हो जाएंगे डिप्रेशन फ्री….
आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में हर कोई व्यक्ति किसी ना किसी बात को लेकर परेशान ही रहता है और अपनी ही समस्याओं पर हावी हो जाता है जिससे उन्हें एंग्जाइटी जैसा रोग लग जाता है।
एंग्जाइटी एक प्रकार का मानसिक रोग है जिसमें रोगी के मन में नकारात्मक विचार आते रहते हैं और बेचैनी बढ़ जाती है। अक्सर एंग्जाइटी में रोगी कुछ गलत करने से डरता है, जिसके कारण रोगी भी हर समय तनाव से गुजरता है।
एंग्जायटी डिसऑर्डर खतरनाक बीमारी का रूप है, लेकिन स्पेशलिस्ट द्वारा समय पर सही निर्देशों का पालन कर इसे मैनेज भी किया जा सकता है।
जानें क्या है पांच टिप्स ?
वैसे तो एंग्जाइटी से बचने या एंग्जाइटी कम करने के लिए बाजार में कई तरह की दवाएं उपलब्ध हैं। लेकिन कुछ समय के लिए एंग्जाइटी से पीड़ित रोगी इन दवाओं से ठीक हो जाते हैं और कुछ समय बाद उन्हें फिर से यह समस्या होने लगती है।
एंग्जाइटी के कारण…
एंग्जाइटी का कोई एक मुख्य कारण नहीं होता है, एंग्जायटी कई कारणों से हो सकती है। आइये जानते हैं एंग्जायटी होने के कारण-
जिन लोगों का मानसिक स्वास्थ्य का पारिवारिक इतिहास रहा है, उनमें एंग्जाइटी की संभावना अधिक होती है।
एंग्जाइटी की समस्या उन लोगों में अक्सर पाई जाती है जो हर समय तनाव में रहते हैं।
नशीले पदार्थों के सेवन से भी एंग्जाइटी का खतरा हो सकता है।
किसी भी काम के बारे में जरूरत से ज्यादा सोचने से भी एंग्जाइटी होने लगती है।
एंग्जाइटी कम करने के लिए अपनाये ये उपाय…
स्वस्थ आहार खाएं
एंग्जाइटी से पीड़ित लोगों को हमेशा हरी सब्जियों और फलों का सेवन करना चाहिए,बाहर का खाना या जंक फूड खाने से आपको बचना चाहिए। ऐसा करने से आपके शरीर को ऊर्जा मिलेगी और चिंता भी कम होगी।
संगीत का सहारा लें
संगीत सुनना भी एंग्जाइटी को कम करने में सफल साबित होता है। एंग्जाइटी को कम करने के लिए रोगी को कुछ समय के लिए अपने पसंदीदा संगीत को सुनना चाहिए,जिनके बोल बिल्कुल नरम हो,इसके साथ साथ सैर करना भी अच्छा रहता है।
योग व मेडिटेशन करें
किसी भी मानसिक बीमारी से उबरने के लिए मन को शांत रखना बहुत जरूरी है। योग और ध्यान करने से भी चिंता को कम किया जा सकता है, चिंता से पीड़ित रोगियों को रोजाना कम से कम 30 मिनट तक योग और ध्यान अवश्य करना चाहिए। ऐसा करने से मन भी शांत रहेगा और शरीर भी स्वस्थ रहेगा।
शराब का सेवन न करें
शराब या किसी अन्य नशीले पदार्थ के सेवन से रोगी कुछ समय के लिए बात भूल सकता है, लेकिन ठीक होने पर उसे चिंता की समस्या अधिक होगी, इसलिए चिंता के रोगियों को किसी भी प्रकार का नशा नहीं करना चाहिए।
ज्यादा समय अकेले न रहें
आपने देखा होगा कि तनाव से पीड़ित व्यक्ति हमेशा अकेला रहना पसंद करता है ऐसे में तनाव पीड़ित व्यक्ति को अकेला छोड़ना गलत साबित हो सकता है। बेहतर होगा कि पीड़ित व्यक्ति हमेशा परिवार और दोस्तों के बीच में रहकर हंसकर समय गुजारे, इससे रोगी का स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा।