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क्या शिलाई में बढ़ जाएगी हर्षवर्धन चौहान की मुश्किलें, पूर्व जिप अध्यक्ष दिलीप चौहान सहित दो ने जताई दावेदारी

क्या शिलाई में बढ़ जाएगी हर्षवर्धन चौहान की मुश्किलें, पूर्व जिप अध्यक्ष दिलीप चौहान सहित दो ने जताई दावेदारी

क्या शिलाई में बढ़ जाएगी हर्षवर्धन चौहान की मुश्किलें, पूर्व जिप अध्यक्ष दिलीप चौहान सहित दो ने जताई दावेदारी

 

जिला परिषद के पूर्व अध्यक्ष सहित एक युवा नेता ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं विधायक हर्षवर्धन चौहान खिलाफ शिलाई विधानसभा क्षेत्र से ठोकी टिकट की दावेदारी।

जिला सिरमौर में शिलाई विधानसभा क्षेत्र कांग्रेस का गढ़ माना जाता है। शिलाई विधान सभा क्षेत्र से विधायक हर्षवर्धन चौहान के पिता स्वर्गीय ठाकुर गुमान सिंह ने लगातार कांग्रेस पार्टी से 7 बार टिकट लेकर जीत हासिल की।

Bhushan Jewellers Nov

कांग्रेस से ठाकुर गुमान सिंह के इलावा शिलाई विधानसभा क्षेत्र से किसी अन्य कांग्रेस नेता ने टिकट की दावेदारी नहीं की। 1990 में हर्षवर्धन चौहान राजनीति में आये तो उनके सामने कांग्रेस पार्टी से टिकट लेने की चुनौती पूर्व राज्यसभा सांसद चंदन शर्मा ने दी।

लेकिन हर्षवर्धन चौहान ने अपनी ताकत दिखाकर कांग्रेस पार्टी से टिकट हासिल किया। लेकिन हर्षवर्धन चौहान भाजपा नेता जगत सिंह नेगी से हार गए। उसके बाद 1993 में फिर से हर्षवर्धन चौहान ने कांग्रेस पार्टी से टिकट लिया तथा जीत हासिल की।

1990 के बाद से शिलाई विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस पार्टी से टिकट के लिए केवल हर्षवर्धन चौहान की अकेली ही दावेदारी रही तथा हर्षवर्धन चौहान ने 5 बार जीत भी दर्ज की तथा इस समय हर्षवर्धन चौहान को हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में गिनती होती है।

लेकिन 2015 में हर्षवर्धन चौहान के विरोध के बावजूद भी शिलाई विधानसभा क्षेत्र के लाधी बेल्ट से दलीप सिंह चौहान को जिला परिषद सिरमौर का अध्यक्ष बनाया गया।

उस समय से हर्षवर्धन चौहान और दलीप चौहान का छत्तीस का आंकड़ा रहा है। बताया जा रहा है की 2015 में तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के कहने पर दलीप चौहान को जिला परिषद का अध्यक्ष बनाया गया था।

कुछ समय पहले हर्षवर्धन चौहान की अगवाई में शिलाई कांग्रेस मंडल की बैठक आयोजित की गई जिसमें मंडल की तरफ से प्रदेश कांग्रेस को दलीप चौहान को पार्टी से निलंबित करने प्रस्ताव पारित कर भेजा गया।

हांलांकि प्रदेश कांग्रेस ने उस प्रस्ताव पर कोई संज्ञान नहीं लिया लेकिन उसके बाद से दलीप चौहान खुलकर हर्षवर्धन चौहान के विरोध में उतर आए हैं।

इसके इलावा युवा कांग्रेस के नेता राहुल चौहान भी दलीप चौहान के साथ मिल गये है तथा राहुल चौहान को शिमला ग्रामीण के विधायक विक्रमादित्य सिंह के करीबी बताये जा रहे हैं।

अब एक महीने बाद विधानसभा चुनाव होने संभावित है तथा इन दिनों प्रदेश कांग्रेस पार्टी से टिकट के लिए निःशुल्क आवेदन मांगे जा रहे हैं।

शिलाई विधानसभा क्षेत्र से जहां एक मात्र नाम हर्षवर्धन चौहान का होता था तो इस बार पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष दलीप चौहान व युवा नेता राहुल चौहान ने भी टिकट के लिए आवेदन किया है। जिससे अब शिलाई कांग्रेस में खुलकर गुटबाजी सामने आ गई है। देखना है विधानसभा चुनाव में इसका कितना असर पड़ता है।

 

जिला परिषद के पूर्व अध्यक्ष सहित एक युवा नेता ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं विधायक हर्षवर्धन चौहान खिलाफ शिलाई विधानसभा क्षेत्र से ठोकी टिकट की दावेदारी।

जिला सिरमौर में शिलाई विधानसभा क्षेत्र कांग्रेस का गढ़ माना जाता है। शिलाई विधान सभा क्षेत्र से विधायक हर्षवर्धन चौहान के पिता स्वर्गीय ठाकुर गुमान सिंह ने लगातार कांग्रेस पार्टी से 7 बार टिकट लेकर जीत हासिल की।

कांग्रेस से ठाकुर गुमान सिंह के इलावा शिलाई विधानसभा क्षेत्र से किसी अन्य कांग्रेस नेता ने टिकट की दावेदारी नहीं की। 1990 में हर्षवर्धन चौहान राजनीति में आये तो उनके सामने कांग्रेस पार्टी से टिकट लेने की चुनौती पूर्व राज्यसभा सांसद चंदन शर्मा ने दी।

लेकिन हर्षवर्धन चौहान ने अपनी ताकत दिखाकर कांग्रेस पार्टी से टिकट हासिल किया। लेकिन हर्षवर्धन चौहान भाजपा नेता जगत सिंह नेगी से हार गए। उसके बाद 1993 में फिर से हर्षवर्धन चौहान ने कांग्रेस पार्टी से टिकट लिया तथा जीत हासिल की।

1990 के बाद से शिलाई विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस पार्टी से टिकट के लिए केवल हर्षवर्धन चौहान की अकेली ही दावेदारी रही तथा हर्षवर्धन चौहान ने 5 बार जीत भी दर्ज की तथा इस समय हर्षवर्धन चौहान को हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में गिनती होती है।

लेकिन 2015 में हर्षवर्धन चौहान के विरोध के बावजूद भी शिलाई विधानसभा क्षेत्र के लाधी बेल्ट से दलीप सिंह चौहान को जिला परिषद सिरमौर का अध्यक्ष बनाया गया।

उस समय से हर्षवर्धन चौहान और दलीप चौहान का छत्तीस का आंकड़ा रहा है। बताया जा रहा है की 2015 में तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के कहने पर दलीप चौहान को जिला परिषद का अध्यक्ष बनाया गया था।

कुछ समय पहले हर्षवर्धन चौहान की अगवाई में शिलाई कांग्रेस मंडल की बैठक आयोजित की गई जिसमें मंडल की तरफ से प्रदेश कांग्रेस को दलीप चौहान को पार्टी से निलंबित करने प्रस्ताव पारित कर भेजा गया।

हांलांकि प्रदेश कांग्रेस ने उस प्रस्ताव पर कोई संज्ञान नहीं लिया लेकिन उसके बाद से दलीप चौहान खुलकर हर्षवर्धन चौहान के विरोध में उतर आए हैं।

इसके इलावा युवा कांग्रेस के नेता राहुल चौहान भी दलीप चौहान के साथ मिल गये है तथा राहुल चौहान को शिमला ग्रामीण के विधायक विक्रमादित्य सिंह के करीबी बताये जा रहे हैं।

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शिलाई विधानसभा क्षेत्र से जहां एक मात्र नाम हर्षवर्धन चौहान का होता था तो इस बार पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष दलीप चौहान व युवा नेता राहुल चौहान ने भी टिकट के लिए आवेदन किया है। जिससे अब शिलाई कांग्रेस में खुलकर गुटबाजी सामने आ गई है। देखना है विधानसभा चुनाव में इसका कितना असर पड़ता है।

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Written by Newsghat Desk

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