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क्रिप्टोकरेंसी बिल फिर से टला, जानें इसे लेकर क्या है बड़ी खबर

क्रिप्टोकरेंसी बिल फिर से टला, जानें इसे लेकर क्या है बड़ी खबर

क्रिप्टोकरेंसी बिल फिर से टला, जानें इसे लेकर क्या है बड़ी खबर

क्यों है क्रिप्टो बिल को और समय देने की आवश्यकता

दुनिया भर में क्रिप्टोकरेंसी की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है। वही हमारे देश भारत में भी क्रिप्टो निवेशकों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है।

एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में लगभग 10.7 करोड़ लोगों ने क्रिप्टोकरेंसी में पैसे लगाए हैं। क्रिप्टोकरेंसी का बिल संसद के शीतकालीन सत्र में भी पेंडिंग ही पड़ा रह गया जिसे सरकार द्वारा तैयार किया गया था| आने वाले बजट सत्र में भी इसके पेश होने की काफी कम संभावना है।

क्रिप्टो बिल को और समय देने की आवश्यकता

फाइनेंस मिनिस्ट्री के अधिकारियों के हवाले रिपोर्ट में बताया गया है कि क्रिप्टो करेंसी पर बिल इस सत्र में भी पेश नहीं हो सकेगा। उन्होंने आगे बताया कि यह काफी जटिल विषय है जिसे अभी और समय लग सकता है।

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रिपोर्ट में बताया गया है कि इस जटिल मुद्दे में अभी और अधिक चर्चा और विचार विमर्श किया जा सकता है। इसके साथ ही, रेगुलेटरी फर्म के साथ भी समन्वय बनाना भी जरूरी है।

अच्छी बात यह है कि भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) भी आने वाले कुछ महीनों में अपनी डिजिटल मुद्रा लॉन्च करने की तैयारी में है वहीं केंद्र सरकार भी इसका इंतजार कर रही है।

सरकार की पैनी नजर

रिपोर्ट के मुताबिक, भारत सरकार द्वारा इस बात पर भी पैनी नजर रखी जा रही है कि यूरोपीय यूनियन (ईयू) और शेष अन्य स्थानों पर क्रिप्टोकरेंसी पर ग्लोबल स्टैंडर्ड कैसे डेवलप होता हैं।

इसके अतिरिक्त भारत सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक क्रिप्टो करेंसी फ्रेमवर्क को और अधिक गहराई से समझने के लिए स्विट्जरलैंड में स्थित बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट (बीआईएस) से भी जानकारी जुटाने में लगी हुई है।

क्या है क्रिप्टोकरेंसी बिल और क्रिप्टो करेंसी बिल का उद्देश्य

क्रिप्टोकरेंसी बिल का पूरा नाम क्रिप्टोकरेंसी एवं आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक 2021 है। जिसे सरकार क्रिप्टो करेंसी पर मजबूत नियम बनाने के लिए विधेयक पारित करना चाहती है। यह वाला क्रिप्टो करेंसी बिल 2019 में बने क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध और आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक, 2019 से भिन्न है।

इसको कुछ वर्ष पहले फाइनेंस मिनिस्ट्री के अर्थशास्त्र मामलों के विभाग, सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, सेबी और आरबीआई के प्रतिनिधियों वाली एक अंतर-मंत्रालयी समिति ने इस बारे में सिफारिश की थी। हालांकि इसे संसद की शीतकालीन सत्र में नहीं लाया गया था।

देश में क्रिप्टो निवेशक सबसे ज्यादा

क्रिप्टोकरेंसी मार्केट काफी उतार-चढ़ाव और जोखिम भरा है। जहां पर निवेशक कुछ ही मिनटों में आसमान की बुलंदियों पर पहुंच सकता है और कुछ ही पलों में जमीन पर धड़ाम भी हो सकता है। इन सबके बाद भी क्रिप्टो करेंसी का दीवानापन निवेशकों के सिर चढ़कर बोल रहा है।

एक रिपोर्ट में बताया गया है कि वर्तमान समय में दुनिया के सबसे अधिक क्रिप्टो निवेशक भारत में हैं। भारत में क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने वाले लोगों की संख्या लगभग 10.7 करोड़ पार कर चुकी है। साथ ही 2030 तक भारत के लोगों का निवेश 24.1 करोड़ डॉलर तक पहुंचने की संभावना है।

 

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Written by Newsghat Desk

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