गारंटी से मिलेगा लोन, लेकिन अप्लाई करने से पहले करने होंगे ये छोटे काम
वर्तमान में अपनी जरूरी आवश्कताओं को पूरा करने के लिए व्यक्ति कभी न कभी किसी तरह के लोन के लिए आवेदन करता ही है, पर हर लोन एप्लीकेशन मंजूर हो जाए ऐसा जरूरी नही होता है और सभी आवेदनकर्ताओं को लोन मिल जाए ऐसा नही होता है।
लोन एप्लीकेशन रिजेक्ट होने के बहुत से कारण होता है और ऐसे बहुत से कारण हैं, जिनको हम स्वयं सुधार कर अपनी लोन लेने की इलिजिबिलिटी (Loan Eligibility) या फिर कहें लोन की योग्यता बढ़ा सकते हैं, तो आइए जानते है।
क्रेडिट स्कोर का रखें खास ख्याल
आपको इस बात का विशेष ध्यान रखना है कि क्रेडिट स्कोर (Credit Score) लोन इलिजिबिलिटी को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है और ऋणदाता उन लोगों को लोन देने में प्राथमिकता देता हैं जिनका क्रेडिट स्कोर 750 या इससे अधिक होता है तथा जिनका क्रेडिट स्कोर (credit score) लो होता है उन्हें ऋणदाता लोन (Loan) देने में हिचकिचाते हैं।
यह इसलिए भी जरूरी है कि आप अपना क्रेडिट स्कोर बढ़िया बनाएं तथा उसे बरकरार रखें, तथा आप समय पर ईएमआई व क्रेडिट कार्ड के ड्यूज का भुगतान करने तथा जिन लोन अमाउंट के आप गारंटर हैं उनकी रिपेमेंट समय पर करते है तब इन सबसे क्रेडिट स्कोर अच्छा बनता है।
क्रेडिट रिपोर्ट का रिव्यू जरूरी
आज के समय मे क्रेडिट ब्यूरो आपके क्रेडिट स्कोर की गणना ऋणदाताओं व क्रेडिट कार्ड इश्यू करने वाले संस्थानों की क्रेडिट रिपोर्ट (Credit Report) के आधार पर करते हैं, तथा आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में कोई भी गलत सूचना जुड़ने से क्रेडिट स्कोर पर नकारात्मक असर पड़ता है।
कई बार क्रेडिट ब्यूरो या ऋणदाता से गलती से ऐसी सूचना क्रेडिट रिपोर्ट में दर्ज हो जाता है, इसलिए समय समय पर अपनी क्रेडिट रिपोर्ट की समीक्षा करना जरूरी है, तथा लोन अप्लाई करने से पहले इसका मूल्यांकन कर सकते है यदि कोई गलती है तब उसे समय पर ठीक करवा लेना चाहिये।
तुलना करना जरूरी
आज के समय मे अलग-अलग ऋणदाताओं की ब्याज दर, प्रोसेसिंग चार्जिज एवं लोन की अवधि अलग-अलग होता है, इसलिए किसी भी वित्तीय संस्थान में लोन के लिए आवेदन करने से पहले अलग-अलग संस्थानों की लोन देने की शर्तों एवं अन्य नियमों आदि की तुलना कर लेनी चाहिए।
आप ऐसा करने से सही संस्थान का चुनाव कर सकते है तथा आपनी जरूरी क्षमता अनुसार लोन लेने के लिए आवेदन कर पायेंगे, और इससे लोन मिलने के चांस बढ़ेंगा।
री-पेमेंट कैपेसिटी के हिसाब से चुनें समय
आज के समय में लोन एप्लीकेशन में लोन चुकाने की जो अवधि आप चुनते हो, वह ऋण आवेदन के स्वीकार या अस्वीकार होने में बहुत अहम भूमिका निभाता है तथा लोन देने वाला संस्थान यह देखता है कि आपके सारे आवश्यक मासिक खर्चे निकाल देने के बाद आपके पास कितनी रकम बचता है और इन खर्चों में पहले से चल रही ईएमआई, इंश्योरेंस प्रीमियम एवं अन्य निवेश योगदान शामिल रहता है।
ज्यादा लोन इंक्वायरी न करें
आप जब भी क्रेडिट कार्ड या लोन के लिए अप्लाई करते हैं तब आप इस बात का ध्यान रखे कि क्रेडिट कार्ड जारी करने वाले या ऋणदाता क्रेडिट ब्यूरो से आपकी क्रेडिट रिपोर्ट देने की रिक्वेस्ट करते हैं, तब ऐसी रिक्वेस्ट को गंभीर जांच माना जाता है, यदि थोड़े अंतराल पर ऐसी कई रिक्वेस्ट किया जायेगा, तब आपका क्रेडिट स्कोर लो हो जाता है।
इसलिए लोन लेने के लिए सीधे वित्तीय संस्थानों से लोन इंक्वायरी करने की बजाय ऑनलाइन उपलब्ध फाइनेंशियल मार्केट-प्लेसेस की सहायता लेना चाहिए ताकि किसी तरह का रिस्क न हो, और इन मार्केट-प्लेस पर आप अपने क्रेडिट स्कोर, जॉब प्रोफाइल, इन्कम एवं अन्य इलिजिबिलिटी क्राइटेरिया के अनुसार लोन आसानी से सलेक्ट कर सकते है।