in

गिरिपार को जनजातीय दर्जा देने की मांग को लेकर सड़कों पर उतरा हाटी समुदाय

गिरिपार को जनजातीय दर्जा देने की मांग को लेकर सड़कों पर उतरा हाटी समुदाय

गिरिपार को जनजातीय दर्जा देने की मांग को लेकर सड़कों पर उतरा हाटी समुदाय

कहा राजस्व रिकार्ड में राजपूत के स्थान पर दर्ज हो खश कनैत…

गिरिपार क्षेत्र को जनजातीय दर्जा की मांग को लेकर केंद्रीय हाटी समिति के निर्देशानुसार तहसील पांवटा साहिब ईकाई के बैनरतले बुधवार को लघु सचिवालय पांवटा साहिब के समक्ष शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन किया।

उन्होंने गिरिपार क्षेत्र को जनजातीय दर्जा की मांग ज्ञापन एसडीएम पांवटा साहिब विवेक महाजन के माध्यम से देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राजस्व मंत्री व प्रदेश मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को भेजा।

गिरिपार क्षेत्र को जनजातीय दर्जा की मांग को लेकर बुधवार को पांवटा साहिब के Y-point पर आंजभोज की 11 पंचायतों का हाटी समुदाय अपनी पहाड़ी वेशभूषा में एकत्रित हुआ।

Bhushan Jewellers Nov

तहसील पांवटा साहिब ईकाई के नेतृत्व में अपनी मांग को लेकर सांकेतिक धरना प्रदर्शन किया। हाटी समुदाय अपनी मांग को लेकर Y-point से मुख्य बाजार से होते हुए लघु सचिवालय पांवटा साहिब पहुंचा और वहां जमकर नारेबाजी की।

तहसील पांवटा साहिब ईकाई के अध्यक्ष ओम प्रकाश चौहान व महासचिव गुमान सिंह वर्मा, केंद्रीय हाटी समिति के कोषाध्यक्ष अतर सिंह नेगी, रण सिंह चौहान, वीर सिंह राणा, राजेंद्र नेगी, मामराज शर्मा, रामलाल शर्मा, जगत राम व खजान सिंह नेगी तथा भैला पंचायत प्रधान मनीष तोमर, शिवा पंचायत प्रधान बबीता परमार, टौंरू डांडा आंज पंचायत प्रधान कमला देवी, रीना देवी, विजय चौहान ने हाटियों को संबोधित करते हुए बताया कि गिरीपार क्षेत्र की 144 पंचायतों के करीब 3 लाख हाटी पिछले पांच दशक से अपनी जायज मांग को लेकर शान्ति पूर्ण लड़ाई लड़ रहे है।

उन्होंने कहा यदि चार महीने के भीतर गिरी पार क्षेत्र को जनजातीय दर्जा नहीं दिया गया तो आंदोलन उग्र होगा जिसके लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार जिम्मेदार होगी। हाटी समुदाय का कहना है कि हक नहीं तो वोट नही, हाटी अपना हक मांगते नहीं किसी से भीख मांगते के नारों से पूरा शहर गूंज उठा।

गिरी पार क्षेत्र की 144 पंचायतों के मूलनिवासी हाटी लोगों को जनजाति का संवैधानिक अधिकार प्राप्त करने के लिए पिछले पांच दशक से मांग कर रहे हैं मगर मांग लंबित पड़ी है। मांग लंबित होने के चलते क्षेत्र के लोगों में सरकार के प्रति रोष की लहर पनप रही है।

इसी कड़ी में अपना रोष व्यक्त करते हुए गिरीपार क्षेत्र की तहसील व उप तहसील स्तर पर अपनी मांगों को लेकर शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन किया। हाटी समुदाय की जनजाति की संवैधानिक दर्जे की उचित मांग को शीघ्र अति शीघ्र पूरा करने की मांग की।

इसके इलावा उन्होंने कहा कि गिरीपार क्षेत्र की 144 पंचायतों के करीब तीन लाख हाटी समुदाय के लोगों की कई जातियों के वर्ष 1955 में गलत इंद्राज को राजस्व अधिकारियों ने राजस्व अभिलेख में दुरुस्त कर दिया है।

जबकि इस क्षेत्र की करीब 60% वाली प्रमुख जाति खश कनैत का नाम जोकि 1955 में गलत तरीके से राजपूत दर्ज कर दिया था उसे अभी तक ठीक नहीं किया गया है।

गिरी पार की खश कनैत केंद्रीय समिति ने इस बारे में आपको पहले भी कई पत्र लिखे हैं और आप के कार्यालय ने त्वरित कार्रवाई करते हुए उपायुक्त सिरमौर को उचित कार्रवाई के निर्देश दिए। उपायुक्त सिरमौर ने भी अक्टूबर 21 में संबंधित एसडीएम के माध्यम से इसे बारे में उचित कार्यवाही करने की विस्तृत रिपोर्ट उन्हें सौंपने की बात कही है।

लेकिन राजस्व अधिकारियों की उदासीनता इस कदर हावी है कि 4 महीने बीत जाने के बावजूद भी कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई है।

गिरी पार खश कनैत केंद्रीय समिति खंड समिति व तहसील समितियों के पदाधिकारियों सुबह सदस्यों ने इसके विरोध में आज गिरी पार क्षेत्र में शांति पूर्वक सांकेतिक धरना प्रदर्शन किया है।

आपसे आग्रह है कि गिरी बार क्षेत्र के राजस्व अभिलेख में वर्ष 1955 में गलत ढंग से दर्ज राजपूत के स्थान पर खश कनैत दर्ज किया जाए। क्योंकि सिरमौर रियासत के वर्ष 1934 के गजेटीयर में पृष्ठ 50 व 51 में स्पष्ट उल्लेख है कि गिरी पार क्षेत्र में खश कनैत जाति के लोग रहते हैं।

इस अवसर पर केंद्रीय हाटी समिति के पदाधिकारी, तहसील पांवटा इकाई के पदाधिकारी, आंज भोज क्षेत्र की पंचायत स्तर पर बनी सभी हाटी समिति के पदाधिकारियों सहित क्षेत्र के वरिष्ठ, युवा व महिला शक्ति शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन में मौजूद रही।

Written by Newsghat Desk

क्रिकेट : भारत का आयरलैंड दौरा तय, शेड्यूल जारी

क्रिकेट : भारत का आयरलैंड दौरा तय, शेड्यूल जारी

जानिए Nubia Z40 Pro के धांसू फीचर, कब होगा लॉन्च, क्या हो सकती है कीमत

जानिए Nubia Z40 Pro के धांसू फीचर, कब होगा लॉन्च, क्या हो सकती है कीमत