जब चिता जलाने के लिए घंटों नही मिली सूखी लकड़ियां, नगर परिषद की बड़ी लापरवाही आई सामने…
हिमाचल प्रदेश में नगर परिषद की लापरवाही का मामला सामने आया है। यहां शहर की एक महिला की मौत के बाद उसके शव को अंत्येष्टि के लिए मोक्ष धाम लाया गया, तो परिजनों को यहां महिला के अंतिम संस्कार के लिए गीली लकड़ियां उपलब्ध हुई।
हुआ यूं कि आज रविवार को नाहन की एक महिला नीता पुंडीर के देहांत के बाद उनके परिजन अंतिम संस्कार के लिए उनके पार्थिव शरीर को बंकूवाला स्थित मोक्षधाम में लेकर आए। हज़ारों रुपये की राशि देने के बावजूद परिजनों को यहां गिली लकड़ियां उपलब्ध हुई।
सूखी लकड़ियां उपलब्ध ना होने के कारण मजबूरन मृतक महिला के परिजनों को गीली लकड़ियों के सहारे ही चिता तैयार करनी पड़ी, लेकिन उसे जलाने के लिए काफी लंबी जद्दोजहद करनी पड़ी। यहां तक कि दो बार तेल तक भी मंगवाया गया।
करीब 3 घंटे तक लकड़ियों ने सही तरीके से आग नहीं पकड़ी। ऐसे में परिजनों सहित अंतिम यात्रा में शामिल होने आए स्थानीय लोगों में नगर परिषद की इस कार्यप्रणाली को लेकर खासा रोष नजर आया।
मृतक महिला के परिजनों व पड़ोसियों ने आरोप लगाया कि देहांत के बाद अंतिम संस्कार के लिए मोक्ष धाम में सूखी लकड़ियां उपलब्ध नहीं है। लकड़ियों का भी अभाव है और जो यहां पड़ी है, वह पूरी तरीके से गीली लकड़ियां है।
ऐसे में अंतिम संस्कार के लिए बहुत परेशानी उठानी पड़ी। 3 घंटे के बाद भी लकड़ियों ने आग नहीं पकड़ी। उन्होंने जिला प्रशासन सहित नगर परिषद से मांग करते हुए कहा कि मोक्ष धाम में सूखी लकड़ियां उपलब्ध करवाई जाए, ताकि अंतिम सफर के दौरान किसी को परेशानी का सामना न करना पड़े।
सूत्रों की माने तो लकड़ियों की समस्या पिछले कई महीनों से पेश आ रही है, लेकिन पिछले 15 दिनों में समस्या काफी अधिक बढ़ी है। वैसे मोक्ष धाम में अमूमन भी लकड़ियों का अभाव पाया जा रहा है।
मौके पर यह भी पता चला कि पिछले 10-12 दिनों से नगर परिषद के कर्मी भी नप प्रशासन को इस बारे में कई बार अवगत करवा चुके है। मगर हैरानी तब हुई जब मीडिया द्वारा यह मामला नगर परिषद प्रशासन के समक्ष उठाया गया, तो मामले को लेकर अनभिज्ञता जाहिर की गई।
नगर परिषद के उपाध्यक्ष अविनाश गुप्ता ने कहा कि मोक्ष धाम में लकड़ियों को लेकर जो समस्या आई है, उसको लेकर जांच की जाएगी। जल्द ही समस्या का समाधान किया जाएगा।