जब 12 साल की मासूम ने मां के पास जाने से किया इंकार…..
एक माह से लापता थी नाबालिग, पुलिस छान रही थी हरियाणा उत्तराखंड की खाक
पांवटा साहिब के इस इलाके से लापता हुई थी मासूम, पढ़ें क्या है पूरा मामला…..
न्यूज़ घाट/पांवटा साहिब
विकास खंड पांवटा साहिब के हीरपुर के समीप रहने वाली प्रवासी महिला ने बीते माह अपनी 12 वर्षीय बेटी के अचानक लापता होने की की सूचना पुलिस थाना पांवटा साहिब में दर्ज करवाई थी।
महिला ने सूचना दर्ज करवाते हुए बच्ची की तलाश की गुहार लगाई। सूचना मिलते ही पुलिस टीम सक्रिय हो गई। मामला इसलिए पुलिस के लिए सिरदर्द बन गया क्यों कि 500 मीटर दूरी तक सीसीटीवी कैमरा में नजर आ रही थी। लेकिन उसके बाद बच्ची का कोई सुराग नहीं मिला।
एक महीने तक पांवटा साहिब पुलिस की टीम मासूम की तलाश में अंधेरे में हाथ पैर मरती रही। इस दौरान उन्होंने उत्तराखंड व हरियाणा के संभावित ठिकानों पर तलाश की।
आगे पढें, आखिर मासूम गई कहां, क्यूं नहीं जाना चाहती थी मां के पास…
पूरे मामले में पुलिस विभाग की आपसी संवाद हीनता तब सामने आई जब ये पता चला कि एक माह से लापता मासूम सोलन के एक शेल्टर होम में है।
इतना ही नहीं बल्कि नाहन पुलिस को ये बच्ची नाहन बस अड्डे पर घूमती मिली थी। जब बच्ची से उसके घर के बारे में पूछा गया तो उसने देहरादून का गलत पता बताया।
जब पुलिस को कोई सुराग नहीं मिला तो उन्होंने बच्ची को बाल कल्याण समिति को सौंप दिया। बाल कल्याण समिति ने आवश्यक औपचारिकताएं पूरी करते हुए मासूम को सोलन स्थित शेल्टर होम भेज दिया।
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जब एक माह बाद पांवटा साहिब पुलिस टीम को इसकी सूचना मिली तो टीम बच्ची को लेने सोलन स्थित शेल्टर होम पहुंची। जब मासूम को साथ चलने के लिए कहा गया तो उसने मां के पास जाने से इंकार कर दिया।
क्यूं किया मां के पास जाने से इंकार….
जब बच्ची से पूछा गया तो उसने बातों बातों में बताया कि वह अपनी मां की प्रताड़ना से परेशान थी। यही कारण था कि वह एक दिन चुपचाप घर से निकल गई, और अब मां के पास वापिस नहीं जाना चाहती।
वहीं एसपी सिरमौर डॉ खुशहाल चंद शर्मा ने बताया कि मामला नाबालिग बच्ची से जुड़ा हुआ है। मामले की गहनता से जांच की जा रही है। फिलहाल बच्ची सोलन के शेल्टर होम में है।