जिंदगी जी नहीं रहे हैं बल्कि कर रहे रह- बसर, सरकार बदली पर नहीं बदल रहा पांवटा साहिब का वार्ड नंबर 5…..
मुख्य बाजार,अस्पताल, बस स्टैंड के सबसे नजदीक होने के बावजूद भी नहीं बदली 70 साल में भी इसकी सूरत…
आखिर कब तक यहां रह रहे लोगों को तथा बच्चों को जीनी होगी ये जिंदगी….
क्या इनकी आवाज सुनने वाला कोई है ही नहीं, क्या इनकी आवाज किसी के कानों में जाती ही नहीं….
उपमंडल पांवटा साहिब शहर के बीचों बीच स्तिथ वार्ड नंबर 5 में गंदगी का वो आलम है कि लोगों का जीना मुश्किल हो गया है, लोग अपने घरों से बाहर 5 मिनट भी खड़े नहीं रह सकते हैं।
क्या है वजह….
1) वार्ड नं 5 और 7 के बीच बहने वाला ये गंदा नाला जिसमे शहर भर का गंदा पानी दिन रात बहता है कूड़ा कचरा भी उसमे बड़ी तादात में होता है जिसकी वजह से आसपास रहने वाले लोगों के घर में बदबू के साथ साथ मक्खी और मच्छरों का होना एक आम बात है।
2) सही सड़क का न होना भी एक महत्वपूर्ण समस्या के रूप में लोगों के सामने आता है क्योंकि किसी भी अपातकालीन स्तिथि में यहां के लोगों को वाहन की आवाजाही करवाने में भारी दिक्कत का सामना करना पड़ता है, इतना ही नहीं यहां रह रहे लोगों का यह कहना है कि उनकी पीढ़ियां यहां रह चुकी है लेकिन उन्होंने इस वार्ड में सड़क देखी ही नहीं।
3) आवारा कुत्तों की जनसंख्या इतनी अधिक है की बच्चे हो या बड़े अकेले चलना मुश्किल हो जाता है क्योंकि वक्त बे वक्त ये कुत्ते आने जाने वालों पर हमला कर देते हैं।
4)कई घरों में आज तक पानी की समस्या आज भी है लोगों को या तो दूर से पानी भरकर लाना पड़ता है या तो किसी के घरों से पैसे देकर पानी को खरीदा जाता है।
5) नगर परिषद द्वारा भेजी जाने वाली कचरा उठाने की गाड़ियां भी रास्ता ना होने के कारण आधे रास्ते से लौट जाती है और मजबूरन लोगों को अपने घर का कचरा न चाहते हुए भी गंदे नाले में ही डालना पड़ता है जिससे पर्यावरण में और भी प्रदूषित होता है।
क्या कहते हैं स्थानीय लोग…
वहीं, जब स्थानीय लोगों से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि वे लोग इस कदर परेशान हैं कि न तो वे किसी से इस बात की शिकायत कर सकते और न ही इस गंदगी का सामना कर सकते।
लोगों की शिकायत है कि उन्हें अपने घर में मेहमानो को बुलाने में भी शर्म आती क्योंकि न तो इनके घर तक आने का कोई उचित रास्ता है और न ही इलाके में साफ सफाई।
लोगों का कहना है कि उन्होंने इसकी कई बार शिकायत भी की है लेकिन उसपर कोई सुनवाई नहीं हुई है और अब तो उन लोगों ने इसकी उम्मीद करनी ही बंद कर दी है कि उनके इलाके का कभी सुधार होगा।
ये लोग इस कदर इस मुसीबत का सामना कर रहें हैं कि आएं दिन गंदगी में रहने की वजह से इनके बच्चों को कोई न कोई बीमारी लग जाती है क्योंकि इन दिनों मच्छरों का बहुत ज्यादा डर बन गया है और आने वाले दिनों में तो इनकी संख्या और भी बढ़ जाएगी।
बच्चों को खेलने के लिए एक पार्क तक नहीं है बच्चे अक्सर रास्ते नाले के किनारे ही खेलते नजर आते हैं और महिलाएं भी धूप सेंकने के लिए नाले के पास गंदगी में ही बैठ जाती हैं लेकिन इनकी समस्या का समाधान होगा या नहीं इस बात की कोई गारंटी नहीं है।
बात यदि बच्चों की करें तो मीडिया से रूबरू होते हुए काजल, खुशबू ने बताया कि ये दोनों राजकीय कन्या विद्यालय की छात्रा हैं और रोज के आने जाने में इन्हे भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है क्योंकि लोगों के घरों में सीवरेज के पानी की निकासी के लिए नालियां नहीं है और इनके घरों का पानी रास्ते में निकलता है जिसकी वजह से कई बार स्कूल जाने वाले बच्चों की वर्दी खराब हो जाती है।
यदि थोड़ी सी भी बारिश आ जाए तो सारा रास्ता कीचड़ से भर जाता है जिसकी वजह से बच्चे स्कूल जाने में भी कतराते हैं।
इनके घरों के बिलकुल साथ जो गंदा नाला वह रहा है उसमे कई बार इनके भाई बहन जो बिल्कुल छोटे है इसमें कई बार गिर चुके है ज्यादा बारिश हो जाने पर यह नाला भर जाता है और सांप, बिच्छू इत्यादि इससे निकल कर हमारे घरों में घुस जाते है इससे हम लोगों की जान को भी जोखिम हो सकता है।
लोगों का कहना है कि शहर में आए दिन सरकार द्वारा नए से नए विकास कार्य किए जा रहे हैं तो हमारी वार्ड आज भी विकास की दृष्टि से 70 साल पीछे क्यों है क्या इन्हे जिंदगी भर इसी तरह की जिंदगी जीनी पड़ेगी।
क्या सरकार एवं प्रशासन केवल धरने प्रदर्शन करने वालों की ही सुनवाई करेगी या जो गरीब चुपचाप अपना शोषण करवा रहा है क्या जिंदगी भर उनका शोषण ही होता रहेगा इस बात का जवाबदेह कौन है।
क्या केवल चुनावों के दौरान ही मासूम जनता का दुर्पयोग किया जाता है और बड़ी बड़ी बाते करके इन नासमझ लोगों का इस्तेमाल किया जाता है, झूठे वादे और झूठे आश्वासन ही इनकी किस्मत में है।
इतना ही नहीं स्थानीय लोगों ने मीडिया के माध्यम से प्रशासन से अपील करते हुए कहा है कि जल्द से जल्द उनकी समस्याओं पर गौर की जाए अन्यथा उन्हें मजबूरन सरकार और प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोलना पद सकता है।
उधर, वार्ड 5 की पार्षद अंजना भंडारी का कहना है कि वार्ड नंबर 5 और 7 के बीचो बीच लहराए गंदे नाले पर पहले कई मीटिंग हो चुकी है किन्हीं कारणों की वजह से इस पर काम शुरू नहीं हो पाया है।
उन्होंने बताया कि वार्ड नंबर 5 में सड़क निर्माण को लेकर भी कई बार उन्होंने आवाज उठाई है साथ ही साथ इस वार्ड में रह रहे लोगों को भी जागरूक होने की जरूरत है ऐसा नहीं है कि वार्ड नंबर 5 के गंदे नाले और चौक पर जो खड़ा है वह केवल वार्ड नंबर 5 के लोगों द्वारा फैलाया जा रहा है, बल्कि इसमें वार्ड नंबर 6 7 8 के लोगों द्वारा भी कूड़ा फेंका जा रहा है जिसको लेकर जल्द ही चौक पर सीसीटीवी कैमरा लगाए जाएंगे, जिसको लेकर वह स्वयं उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान से मिलेंगी और जल्द से जल्द इसका निपटारा करने की कोशिश करेंगी।