जिला सिरमौर में अलग अलग 3 मामलों में 4 आरोपी दोषी करार, अदालत ने सुनाई सजा
जिला सिरमौर की दो अलग-अलग अदालतों ने 3 मामलों में 4 आरोपियों को दोषी करार देते हुए सजा सुनाने के साथ-साथ जुर्माना अदा करने के आदेश दिए है।
दरअसल पहले मामले में नाहन के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी पंकज कुमार की अदालत में दोषी मोहम्मद गुलफाम व दोषी मजीद को 3 वर्ष की सजा व 5000 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई गई।
जुर्माना अदा न करने की सूरत में 3 महीने की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। सहायक जिला न्यायवादी आरके शर्मा ने बताया कि अदालत ने दोनों दोषियों को आईपीसी 380 के तहत 2 वर्ष की सजा व 5000 रुपए जुर्माना की सजा सुनाई है। जुर्माना अदा न करने की सूरत में 3 महीने की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। यह दोनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी।
सहायक जिला न्यायवादी आरके शर्मा ने बताया कि 14 जनवरी 2018 को श्री रेणुका जी पुलिस थाना में हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड ददाहू की ओर से बिजली के तारों के 5 बंडल स्टोर से चोरी होने की शिकायत दर्ज हुई थी, जिसके बाद पुलिस ने छानबीन कर अदालत में चालान पेश किया। 16 गवाहों के बयान व साक्षय के आधार पर दोनों दोषियों को सजा दी गई।
दूसरे मामले में भी नाहन के ही मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी पंकज कुमार की अदालत ने मोटर चोरी व गुगा मादी मंदिर से पैसे चुराने के दोषी को 3 साल का साधारण कारावास व 5000 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है।
सहायक जिला न्यायवादी आरके शर्मा ने बताया कि अदालत ने दोषी मनीष उर्फ मणि को आईपीसी 457, 379 व 380 के तहत 3 वर्ष का साधारण कारावास व ₹5000 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। आईपीसी 457 के तहत जुर्माना अदा न करने पर 3 महीने का साधारण कारावास भुगतना होगा। आईपीसी 380 के तहत 2 साल का साधारण कारावास व 5000 रुपए जुर्माना देना होगा।
सहायक जिला न्यायवादी आरके शर्मा ने बताया कि दोषी मनीष उर्फ मनी के खिलाफ पुलिस थाना कालाअंब में बर्मा पापड़ी में शिकायतकर्ता के घर से मोटर चुराने व बर्मा पापड़ी गोगा मडी के ताले तोड़कर पैसे चुराने का मामला दर्ज किया गया था। पुलिस ने मामले में छानबीन कर अदालत में चालान पेश किया, जिसके बाद 8 गवाहों व सबूतों के आधार पर मनीष को दोषी मानते हुए सजा सुनाई गई है।
वहीं तीसरे मामले में जिला सिरमौर के विशेष न्यायाधीश आरके चौधरी की अदालत में (कोर्ट कैंप शिलाई) में दोषी दिलीप सिंह को विभिन्न धाराओं में 3 अलग-अलग सजाएं सुनाई। यह तीनों सजाएं एक साथ चलेंगी।
जिला न्यायवादी बीएन शांडिल ने बताया कि दोषी दिलीप कुमार को आईपीसी 341 के तहत 15 दिन का सामान्य कारावास व 250 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई गई है।
आईपीसी 323 के तहत 6 माह का सामान्य कारावास व 750 जुर्माने की सजा, जुर्माना अदा न करने की सूरत में 1 महीने का अतिरिक्त कारावास, आईपीसी 506 के तहत 6 माह का कारावास व 1000 रुपए जुर्माने की सजा, आईपीसी 354 के तहत 1 वर्ष का कठोर कारावास व 5000 रूपए जुर्माने की सजा एवं जुर्माना अदा न करने की सूरत में 4 महीने का अतिरिक्त कठोर कारावास भुगतना होगा।
एससी एसटी एक्ट के तहत 1 वर्ष का कठोर कारावास व 3000 रूपए जुर्माने की सजा सुनाई गई है। जिला न्यायावादी ने बताया कि यह सभी सजाएं एक साथ चलेंगी। मामले में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि 19 मार्च 2017 को दिलीप सिंह जब गुजरोट वाले रास्ते से रोनहाट की तरफ जा रहा था, तब उसने शिकायतकर्ता को देखा ओर उसे गालियां देने लगा। साथ ही जाति सूचक शब्द भी कहे और उसे पकड़ कर अपनी और खींचा व जान से मारने की धमकी दी।
इसी दौरान दिलीप सिंह ने शिकायतकर्ता को छाती से पकड़ा ओर उसके कपड़े भी फाड़ दिए। फिर उसे नीचे गिरा दिया, उसके बाद पत्थर उठाकर उसकी टांगों पर मारने लगा।
शिकायतकर्ता की शिकायत पर पुलिस थाना शिलाई में मामला दर्ज कर मामले में छानबीन की, जिसके बाद अदालत में चालान पेश किया गया। मामले में सबूत व 13 गवाहों के बयान दर्ज करने के बाद दोषी को विभिन्न धाराओं में यह सजा सुनाई गई।