ट्रेड यूनियनों ने नाहन में निकाली विरोध रैली, केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन
बढ़ती महंगाई, सार्वजनिक संस्थानों का निजीकरण व मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ की नारेबाजी
राष्ट्रव्यापी हड़ताल के तहत आज जिला मुख्यालय नाहन में भी ट्रैड यूनियन के बेनर तले सैंकड़ों की संख्या में श्रमिकों ने विरोध रैली निकाली। इस दौरान बस स्टैंड से लेकर शहर के विभिन्न हिस्सों से होते हुए प्रदर्शनकारियों ने डीसी कार्यालय परिसर में धरना दिया।
प्रदर्शनकारियों ने बढ़ती महंगाई, सार्वजनिक संस्थानों का निजीकरण सहित मजदूर विरोधी नीतियों को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
सीटू के राज्य सचिव राजेंद्र ठाकुर ने केंद्र सरकार को मजदूर, किसान व कर्मचारी विरोधी करार दिया। उन्होंने कहा कि आज सरकार तानाशाही के रूप में कार्य कर रही है और मजदूरों का शोषण किया जा रहा है। 44 श्रम कानूनों को सरकार ने खत्म किया। किसानों को एमएसपी नहीं दे पा रही है।
सार्वजनिक संस्थानों का निजीकरण किया जा रहा है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि महंगाई भी प्रतिदिन बढ़ रही है। रसोई गैस, पैट्रोल-डीजल इत्यादि की कीमतें लगातार बढ़ रही है। बावजूद इसके मजदूरों की दिहाड़ी में बढ़ोतरी नहीं हो पा रही है।
आज सरकार आउटसोर्स व अंशकालीन आधार पर नौकरियां दी जा रही है। लिहाजा इन्हें नियमित करना होगा। 21 हजार रूपए न्यूनतम वेतन मजदूर को दिया जाए।
राजेंद्र ठाकुर ने कहा कि सांसदों व विधायकों को पेंशन दी जा रही है, जिसके चलते मजदूरों में रोष है। 10-10 महीने से मनरेगा के मजदूरों को वेतन नहीं दिया जा रहा है। महज 200 रूपए दिहाड़ी दी जा रही है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने मांगों को जल्द पूरा नहीं किया तो आंदोलन ओर अधिक उग्र होगा।