दलित बच्चा पहुंच गया मंदिर, मिली सजा
यूं तो भारतीय संविधान अपने प्रत्येक नागरिक को अबाध भारत भ्रमण का मौलिक अधिकार देता है। भारतीय संविधान में छुआछूत को विधि विरुद्ध घोषित कर रखा है। परंतु, यह जमीन पर किस हद तक सफल है।
यह मीडिया रिपोर्टस बताती है। संविधान की धज्जियां उड़ाती, भारतीय मानसिकता की ऐसी खबर कर्नाटक से आ रही है। जहां पर 2 साल का एक बच्चा मंदिर चला गया तो पुजारी और स्वर्ण जाती के लोग, उसके परिवार पर 25000 का जुर्माना लगा दिया।
पूजा करने गया था, मासूम
घटना कर्नाटक के कोप्पल जिले की है। जहां, मियांपुरा गांव में 2 साल के बच्चे को उसके जन्मदिन के अवसर पर लेकर उसके माता-पिता मंदिर पहुंचे वह मंदिर के बाहर खड़े पूजा कर रहे थे।
तभी अचानक बारिश होने लगी और वह बच्चा भागकर मंदिर के परिसर में घुस गया। इसी बात को लेकर वहां हंगामा हो गया। तथा मंदिर के पुजारी और स्थानीय लोगों ने मिलकर बच्चे के परिवार पर 25000 का जुर्माना लगा दिया।
मंदिर का होगा, शुद्धिकरण
बताया जा रहा है, कि दलित बच्चे के मंदिर में प्रवेश से मंदिर अशुद्ध हो गया है। और अब उसका शुद्धीकरण किया जाएगा।
मंदिर के शुद्धिकरण के लिए बच्चे के परिवार पर 25000 का जुर्माना लगाया गया है।
पुलिस ने किया हस्तक्षेप
जब मामल ने तूल पकड़ी और यह खबर पुलिस तक पहुंची, तो पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए जुर्माना रदद् करवा दिया। परंतु अफसोस की बात यह है। कि इस प्रकरण में कोई FIR दर्ज नहीं की गई। क्योंकि स्थानीय लोगों का मानना है, कि इससे गांव की शांति भंग होगी।