दलित हितों पर बयान बाजी हरगिज बर्दास्त नहीं
पढ़ें, सवर्ण आयोग के गठन को लेकर क्या बोले दलित नेता
दलित संगठनों ने साधा निशाना कहा, सरेआम उडाई कानून की धज्जियां
जिला ऊना के नगर परिषद मैहतपुर- बसदेहड़ा में दलित संगठनों ने संविधान निर्माता डॉ भीमराव अंबेडकर का परिनिर्वाण दिवस मनाया।
इस मौके पर विभिन्न दलित संगठनों ने पद यात्रा भी निकाली। कार्यक्रम में दलित नेताओ ने प्रदेश भर में निकाली जा रही सवर्ण अधिकार यात्रा को लेकर भी जमकर निशाना साधा।
दलित संगठनों ने सरकार और प्रशासन को भी इस मुद्दे पर आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि सवर्ण आयोग के गठन से दलित संगठनों को कोई भी एतराज नहीं है।
लेकिन सवर्ण आयोग के गठन की मांग को लेकर निकाली जा रही आरक्षण की शव यात्रा और फिर उसके बाद सवर्ण अधिकार यात्रा में दलित संगठनों के खिलाफ की जा रही बयान बाजी बर्दाश्त से परे है।
उन्होंने कहा कि जिला में लागू की गई धारा 144 के दौरान सवर्ण समाज द्वारा सवर्ण अधिकार यात्रा निकाली गई प्रशासन को इन लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।
जिला ऊना के तहत नगर परिषद मैहतपुर-बसदेहड़ा में स्थित गुरु रविदास मंदिर परिसर में शुक्रवार को विभिन्न दलित संगठनों ने डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के परिनिर्वाण दिवस के मौके पर एक तरफ जहां संविधान निर्माता को श्रद्धा सुमन अर्पित किए। वहीं दूसरी तरफ सवर्ण समाज को भी जमकर निशाने पर लिया।
बसदेहड़ा में एकत्रित हुए दलित संगठनों के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने एक सुर में सवर्ण अधिकार यात्रा निकालने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। दलित संगठनों का कहना है कि उन्होंने कभी सवर्ण आयोग के गठन का विरोध नहीं किया है।
लेकिन इस आयोग के गठन की मांग को लेकर निकाली जा रही आरक्षण शव यात्रा और उसके बाद सवर्ण अधिकार यात्रा के दौरान दलितों पर किए गए कटाक्ष सहन करने योग्य नहीं हैं।
वहीं, प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन मूकदर्शक बने बैठे हैं। धारा 144 लागू करने के बावजूद सैकड़ों लोग यात्रा निकालकर कानून की धज्जियां उड़ाते हैं और प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं करता है।
उन्होंने कहा कि एफआईआर दर्ज करने से कुछ होने वाला नहीं है, ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जानी चाहिए।
इस दौरान नगर परिषद संतोषगढ़ के पूर्व पार्षद और दलित नेता रवि कांत बस्सी ने कहा कि सभी दलित संगठन एकजुट हैं और दलितों के खिलाफ उठने वाली किसी भी आवाज का सही जवाब दिया जाएगा।।