दवाईयां बेचने के नाम पर बेच डाली 100 करोड़ की प्रतिबंधित दवाएं
हिमाचल में यूं चल रहा अवैध कारोबार, अब ट्रेडिंग कंपनी का मालिक गिरफ्तार
स्टेट सीआईडी ने एक थोक दवा लाइसैंस धारक ट्रेडिंग कंपनी के खिलाफ धोखाधड़ी व एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज करके कम्पनी मालिक व प्रबंधक को गिरफ्तार कर लिया है।
एनडीपीएस अनुसूचित दवाओं को बेचने व फर्जी बिल तैयार करने के मामले में यह कार्रवाई की गई। यह कार्रवाई कार्यालय राज्य औषधि नियंत्रक हिमाचल प्रदेश के अधिकारियों से शिकायत के आधार पर की गई।
सीनियर एसपी स्टेट नारकोटिक्स क्राइम कंट्रोल यूनिट के प्रमुख और आईजी/क्राइम की ओवरऑल निगरानी में विशेष टीमें गठित की गई हैं। जो उक्त कम्पनी द्वारा राजस्थान, पंजाब और उत्तर प्रदेश में किए गए बिक्री लेनदेन की जांच करेगी। जांच में पीटीए चला है कि उक्त कम्पनी ने 2 वर्षों के भीतर एनडीपीएस अनुसूचित दवाओं सहित 100 करोड़ रुपए से अधिक की दवाओं का लेन-देन किया है।
कुछ समय पहले राज्य औषधि नियंत्रक नवनीत मरवाहा और उनके अधिकारियों की टीम ने उक्त कम्पनी के लेन-देन का ऑडिट किया था।
ऑडिट में संदिग्ध बिक्री पाई थी, जिसके बाद उन्होंने पुलिस से मामले की गहनता से जांच करने का अनुरोध किया था, जिसके बाद राज्य सीआईडी ने बद्दी स्थित थोक दवा लाइसैंस धारक ट्रेडिंग कंपनी जैनेट फार्मास्युटिकल्स (मुख्यालय जीरकपुर) के खिलाफ धोखाधड़ी व एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज करके कंपनी के मालिक दिनेश बंसल निवासी बरनाला पंजाब व पानीपत निवासी मैनेजर सोनू सैनी को गिरफ्तार कर लिया है।
पूछताछ में पता चला कि एनडीपीएस दवाओं को बेचने का फर्जी बिल तैयार किया था। इस में नाइट्राजेपम, कोडीन और एटिजोलम शामिल थे।
रिकाॅर्ड की जांच में पाया गया कि मंडी स्थित थोक दवा डीलर को दवाएं दी थीं लेकिन प्रारंभिक जांच में इस बात की पुष्टि हुई है कि मंडी स्थित ड्रग डीलर को कभी भी ऐसी दवाएं नहीं मिलीं।
इसके अलावा यह पता चला है कि टोयोटा इनोवा निजी कार का इस्तेमाल एनडीपीएस दवाओं को राजस्थान, पंजाब आदि में ले जाने के लिए किया था। यह भी एनडीपीएस अधिनियम के नियमों का उल्लंघन है।
सीआईडी प्रवक्ता के मुताबिक जांच के दौरान पता चला है कि पंजाब में पहले ड्रग्स एंड कॉस्मैटिक्स एक्ट 2018-19 के उल्लंघन के लिए थोक दवा लाइसैंस रद्द कर दिया गया था।
मोहाली जिले के जीरकपुर में उनके कार्यालय, गोदाम और बद्दी में गोदाम पर छापा मारा गया है और निरीक्षण अभी भी जारी है।
जानकारी के अनुसार उक्त कम्पनी ने 2019 में बद्दी में अपना थोक दवा व्यवसाय शुरू किया था और पंजाब के बरनाला में एक फार्मा फैक्टरी भी चलाई जा रही। जांच में यह पाया गया है कि उक्त कम्पनी से कई खेप राजस्थान और देश के अन्य हिस्सों में भेजी गई हैं।
सीआईडी प्रवक्ता ने बताया कि एनडीपीएस एक्ट की धारा 8,21,22,29 और आईपीसी की 420, 468, 471 और 120 बी के तहत मामला दर्ज कर जांच की जा रही है।