दिल्ली-देहरादून-पांवटा हाईवे: मुआवजे के लिए ग्रामीणों का हंगामा, विधायक सुखराम चौधरी ने कही ये बड़ी बात…
पांवटा साहिब: दिल्ली-देहरादून-पांवटा फोरलेन हाईवे का निर्माण विवादों में घिर गया है। भूमि अधिग्रहण के बाद मुआवजा न मिलने से गुस्साए ग्रामीण सड़कों पर उतर आए हैं। भूपपूर क्षेत्र में सात दिनों से धरना जारी है।
ग्रामीणों का कहना है कि कंपनियों ने उनकी जमीन पर कब्जा कर लिया, लेकिन मुआवजा अब तक नहीं दिया। महिलाएं और पुरुष धरने पर डटे हैं। उनका आरोप है कि कंपनियां बिना सहमति के काम कर रही हैं।
ग्रामीणों की चेतावनी: मुआवजा नहीं, तो आंदोलन तेज होगा
प्रदर्शनकारी डरे हुए हैं कि अगर निर्माण फिर शुरू हुआ, तो उनकी मुश्किलें बढ़ेंगी। एक ग्रामीणी ने कहा, “हमें न तो पैसा मिला, न ही कोई सुनवाई हुई।” वे मांग कर रहे हैं कि पहले मुआवजा मिले, फिर काम शुरू हो।
धरने में शामिल लोगों ने साफ कहा कि जब तक उनकी बात नहीं मानी जाती, वे पीछे नहीं हटेंगे। गुस्सा इस कदर है कि सड़क पर नारे गूंज रहे हैं।
विधायक सुखराम चौधरी का दखल, सरकार से अपील
पांवटा के विधायक सुखराम चौधरी ने धरना स्थल का दौरा किया। उन्होंने ग्रामीणों से बात की और भरोसा दिलाया कि उनकी मांगें सुनी जाएंगी। विधायक ने कहा, “मैं सरकार तक ये बात पहुंचाऊंगा। मुआवजा दिलाने की कोशिश करूंगा।”
उन्होंने सरकार से इस मुद्दे को गंभीरता से लेने की मांग की। चौधरी ने चेतावनी दी कि जनता की नाराजगी सरकार के लिए परेशानी बन सकती है।
कंपनियों की मनमानी से बढ़ा तनाव
ग्रामीणों का आरोप है कि कंपनियां नियमों को ताक पर रखकर काम कर रही हैं। कई लोगों की आजीविका जमीन से जुड़ी है, जो अब छिन गई है। मुआवजा न मिलने से उनका भविष्य अधर में लटक गया है।
एक प्रदर्शनकारी ने बताया, “हमारी जमीन ले ली गई, लेकिन बदले में कुछ नहीं मिला।” यह गुस्सा अब धरने के जरिए बाहर आ रहा है।
आगे क्या होगा?
हाईवे प्रोजेक्ट से क्षेत्र में विकास की उम्मीद थी, लेकिन विवाद ने सब कुछ ठप कर दिया। ग्रामीणों की मांग साफ है- मुआवजा दो, तभी आगे बढ़ो। विधायक के आश्वासन के बाद अब सबकी नजर सरकार के अगले कदम पर है।
अगर जल्द समाधान नहीं हुआ, तो आंदोलन और तेज होने के आसार हैं। फिलहाल, भूपपूर में तनाव बना हुआ है।