देवभूमि के साथ वीरभूमि हिमाचल में शहीद का अपमान ! सालों से टूटी प्रतिमा मांग रही मरम्मत
–विधायक रीना कश्यप के क्षेत्र का मामला, 4 सालों से शहीद हितेश शर्मा की प्रतिमा मांग रही मरम्मत
-सरकार, प्रशासन व वन विभाग की उदासीनता से लोगों में रोष
-नाराज लोगों ने दिया एक सप्ताह का समय
हिमाचल प्रदेश देवभूमि के साथ-साथ वीरों की भूमि के लिए भी जाना जाता है। यहां के बहुत से वीरों ने अपने देश के लिए प्राण ने न्योछावर कर वीरगति को प्राप्त किया, लेकिन इसी वीरों की भूमि में सालों से एक शहीद की प्रतिमा मरम्मत की मांग कर रही है।
मामला सिरमौर जिला के राजगढ़ उपमंडल से जुड़ा है।शहीद पार्क हाब्बन में पिछले 4 वर्षों से शहीद हितेश शर्मा की टूटी प्रतिमा को पुनः जोड़ने व पार्क को बंद करने के लिए सरकार, प्रशासन व वन विभाग द्वारा कुछ न किए जाने से लोगों में भारी रोष व्याप्त हो गया है।
क्षेत्र के लोगों ने अब कड़ा रुख अपनाते हुए सरकार, प्रशासन व वन विभाग को चेतावनी दी है कि यदि एक सप्ताह के भीतर इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं हुई तो लोग आन्दोलन करने पर मजबूर होंगे, जिसका दायित्व सरकार, प्रशासन व वन विभाग का होगा।
पूर्व जिला परिषद सदस्य शकुंतला प्रकाश, वार्ड सदस्य कविता, निर्मल शर्मा व पझौता स्वतन्त्रता सेनानी कल्याण समिति के अध्यक्ष जयप्रकाश चौहान ने कहा कि शहीद हितेश शर्मा की प्रतिमा को शरारती तत्वों ने करीब चार वर्ष पूर्व तोड़ दिया था। शहीद पार्क हाब्बन में शहीद हितेश शर्मा व शहीद भीमसिंह की प्रतिमाएं लोगों ने स्वयं लगाई है। यह पार्क चारों तरफ से खुला है, इसलिए यहां असमाजिक तत्व नशा करते है। उन्होंने ही प्रतिमा को तोड़ा होगा।
स्थानीय लोगों ने सरकार, प्रशासन व वन विभाग से इसे ठीक करने की अनेकों बार गुहार लगाई। लेकिन अभी तक कोई भी प्रगति नहीं हुई। विधायक रीना कश्यप ने वन विभाग को दो लाख रुपए दिए है, लेकिन विभाग की नकारात्मक सोच के चलते वह भी खर्च नहीं हो पाए है।
लोगों का कहना है कि सांसद सुरेश कश्यप स्वयं सैनिक रहे है, उन्हें शहीद की प्रतिमा को जोड़ने व इस मामले में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर कार्यवाही करनी चाहिए और शहीद के सम्मान को बहाल करना चाहिए।
अब क्षुब्ध लोगों से सरकार, प्रशासन व वन विभाग को चेतावनी दी है कि यदि एक सप्ताह में इस बारे कोई प्रगति नहीं हुई तो उनके खिलाफ आंदोलन प्रारम्भ करने पर मजबूर होंगे। उस धरना प्रदर्शन का सारा दायित्व सरकार , प्रशासन व वन विभाग का होगा।।