नगर निकाय : अब महिला जनप्रतिनिधियों के पतियों को खैर नहीं…
शहरी विकास मंत्रालय ने उठाया ये बड़ा कदम, लगातार मिल रही थी ये शिकायतें…
हिमाचल प्रदेश की पंचायतों में सरकारी कामों में हस्तक्षेप करने वाले महिला जनप्रतिनिधियों के पतियों के बाद अब नगर पंचायतों और नगर निगमों में प्रधान पतियों की भी खैर नहीं है।
इस बारे में प्रदेश सरकार ने शहरी क्षेत्रों से लगातार मिल रही शिकायतों के बाद कड़ा कदम उठाया है। प्रदेश सरकार के प्रधान सचिव शहरी विकास ने निदेशक शहरी विकास को पत्र लिख कर दिशा निर्देश जारी किए हैं।
उन्होंने पत्र में कहा है कि देखा जा रहा है कि शहरी लोकल बॉडीज की निर्वाचित जनप्रतिधियों के पति और करीबी संबंधी सरकारी कार्यों में हस्तक्षेप कर रहे हैं। महिला सशक्तिकरण के लिए आवश्यक है कि उन्हें ऐसा करने से रोका जाए।
ताकि महिला जनप्रतिनिधि अपने विवेक से फैसले लें सकें। उन्होंने कहा की महिला जनप्रतिनिधियों के पतियों और संबंधियों को ऐसा करने से रोका जाए।
उन्होंने 21/12/2021 को जारी पत्र में कहा है कि निदेशक शहरी विकास ये सुनिश्चित करें की महिला जनप्रतिनिधियों के पति हाऊस की बैठकों में भाग ना लें। इसके साथ ही उनका अन्य सरकारी निर्णयों और क्रिया कलापों में हस्तक्षेप न हों।
इसी श्रृंखला में निदेशक शहरी विकास मनमोहन शर्मा ने नगर निगमों के आयुक्तों, नगर पालिका परिषदों के कार्यकारी अधिकारियों और सचिवों को पत्र लिख कर दिशा निर्देश दिए हैं।
उन्होंने 29/12/2012 को लिखे पत्र में कहा है कि शहरी लोकल बॉडीज की महिला जनप्रतिनिधियों के पतियों और करीबी संबंधियों को सरकारी कामों में हस्तक्षेप से तत्काल प्रभाव से रोका जाए। उन्होंने कहा कि इसके लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं। निदेशक शहरी विकास मनमोहन शर्मा ने सरकार के दिशा निर्देशों की पुष्टि की है।