नया बैंकिंग बिल: उपभोक्ताओं के लिए बढ़ती सुविधा और सुरक्षा
भारत की बैंकिंग व्यवस्था को और ज्यादा पारदर्शी और ग्राहक हितैषी बनाने के लिए सरकार ने कुछ समय पहले ही बैंकिंग कानून संशोधन प्रस्तुत किया था। हालांकि काफी लंबे समय से अटके हुए इस बिल को आखिरकार संसद में मान्यता मिल गई है और राज्यसभा से इसे पारित कर दिया गया है। इस बिल के पारित होते ही अब बैंकिंग की कार्यप्रणाली को और ज्यादा बेहतर बनाया जाएगा जिससे न केवल बैंकिंग क्षेत्र में उन्नति देखी जाएगी बल्कि ग्राहकों को भी इसका सीधा लाभ मिलेगा।
बैंकिंग व्यवस्था के अंतर्गत पारित हुए इस विधेयक का मुख्य उद्देश्य बैंकों की कार्यरत प्रणाली को आधुनिक बनाना, ग्राहकों को बुनियादी सुविधा उपलब्धि कराना ,वहीं वित्तीय लेनदेन को पहले से ज्यादा सुरक्षित करना है।इस नए विधेयक के अंतर्गत बैंक खातों और FD के लिए नामांकित व्यक्तियों की संख्या को बढ़ाने का भी प्रावधान तय किया गया है जिससे बैंकिंग क्षेत्र से जुड़ने वाले परिवारों को अब पहले से ज्यादा आर्थिक सुरक्षा मिल सकेगी।
आईए जानते हैं क्या हैं इस विधेयक के प्रमुख प्रावधान
FD में नामांकन संख्या में वृद्धि : इस नए विधेयक के अंतर्गत खाताधारक अब बैंक खाता खोलते समय या FD खोलते समय अधिकतम 4 लोगों को नॉमिनी बना सकेंगे। जिससे खाताधारक के परिवार में केवल एक की जगह बाकियों को भी नॉमिनेशन का लाभ मिलेगा।
हर बैंक RBI को पेश करेगी पखवाड़े रिपोर्ट : वहीं अब बैंकिंग सेक्टर में रिपोर्टिंग तिथियों को बदलने का भी प्रस्ताव पारित किया गया है जिसके अंतर्गत बैंक को RBI को हर पखवाड़े या हर महीने समीक्षा रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी।
इस विधेयक के क्या लाभ होंगे?
इस विधेयक की वजह से नामांकन संख्या में वृद्धि होगी जिसकी वजह से खाताधारक की मृत्यु के पश्चात परिवारों में विवाद की संभावना कम हो जाएगी।
वहीं इस नए विधेयक की वजह से नामांकन की संख्या बढ़ने पर खाता धारक अपने परिवार जनों को बेहतरीन वित्तीय सुरक्षा प्रदान कर सकेंगे जहां वे एक से ज्यादा लोगों को नॉमिनी बना सकेंगे।
साथ ही अब बैंक प्रशासन में रिपोर्टिंग की प्रक्रिया बदलने की वजह से RBI अब समय-समय पर बैंकों के प्रशासन की समीक्षा कर पाएगी।
कुल मिलाकर इस नए नियम के लागू होते ही RBI को विभिन्न बैंकिंग प्रक्रियाओं की समीक्षा करने की छूट मिल जाएगी जिससे आरबीआई समय पर सटीक जानकारी प्राप्त कर पाएगी और उपभोक्ताओं को भविष्य में होने वाले नुकसान से बचा पाएगी।
साथ ही बैंकिंग कार्य प्रणाली में ग्राहकों की सुविधा को देखते हुए विभिन्न नए निर्णय भी लिए जाएंगे ताकि उपभोक्ताओं को पारदर्शी और लाभकारी बैंकिंग प्रणाली की सुविधा मिल सके।