पत्रकारों को आंदोलनलन के लिए मजबूर ना करे हिमाचल सरकार : पत्रकार यूनियन
हिमाचल प्रदेश यूनियन आफ जर्नलिस्टस (संबद्व एनयूजे इंडिया) के हिमाचल प्रदेश यूनिट के प्रवक्ता श्यामलाल पुंडीर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की बीजेपी सरकार को पत्रकारों की मांगों पर बहुत जल्द फैसला लेना होगा।
कोरोना काल के दौरान पत्रकारों को भी कई समस्याओं का सामना करना पड़ा। लेकिन सरकार की ओर से पत्रकारों के विषय में कुछ नहीं सोचा गया। सरकार को मार्च से पहले पत्रकारों की मांगों को मानना पड़ेगा, नहीं तो पत्रकार भी आंदोलन के लिए मजबूर हो जाएंगे।
उन्होंने कहा कि हिमाचल भौगोलिक रूप से बहुत विविध है और अधिकतम क्षेत्र बहुत दूरस्थ हैं और लोगों का जीवन बहुत कठिन है। हमारी समाचार पत्र व पत्रिकाएं जो दूर दराज के क्षेत्रों से आती हैं, उन परिस्थितियों में भी पूरी निष्ठा और ईमानदारी से दिन-रात काम कर रही हैं।
यूनियन मांग कर रही है कि सरकार एक जर्नलिस्ट वेलफेयर बोर्ड (पत्रकार कल्याण बोर्ड) का गठन करें, जो राज्य के सभी पत्रकारों के जीवन के उत्थान के लिए एक बड़ा वरदान हो और सारे मुददों पर चर्चा की जरुरत है। उसमें कुछ प्रमुख मुददे निम्न प्रकार है।
आवासी सुविधाएं-वर्तमान में निवास की सुविधा हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा शिमला में कुछ राज्य स्तरीय विशिष्ट संपादकों व राज्य ब्यूरो प्रमुखों को ही दी गई है।
हमारे पंजीकृत संगठन के अनुसार निवासों के आवंटन में कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए क्योंकि संविधान हमें समान मौलिक अधिकार देता है।
हम आपसे अनुरोध करते हैं कि जमीन या मकानों को कम कीमत पर या सब-डिविजन और जिला स्तर पर रियायती दरों पर मान्यता प्राप्त पत्र-पत्रकारों को अलॉट करें।
प्रदेश की तर्ज पर जिस प्रकार प्रकार फोर रुम/ थ्री रुम सैट राज्य ब्यूरो प्रभारियों को दिए गए हैं, उसी की तर्ज पर जिला में मान्यता प्राप्त को टू रुम व उपमंडल में मान्यता प्राप्त को वन रुम सैट नोमिनल रेंट पर उपलब्ध कराए तभी सबका साथ सबका विकास का सपना साकार हो सकेगा।
– हरियाणा-पंजाब की तर्ज पर हिमाचल में भी लागू हो पेंशन सुविधा।
– हर उप मण्डल व जिला स्तर पर प्रेस क्लब के लिए भवन उपलब्ध हो।
– पत्रकारों के बच्चों को छात्रवृत्ति के साथ-साथ उच्च शिक्षा के लिए सस्ती ऋण सुविधाएं।
-उपमंडल के साथ साथ अब तहसील स्तर पर पत्रकारों का मान्यता मिलने का हो प्रावधान
– मान्यता प्राप्त या गैर-मान्यता प्राप्त पत्रकारों के लिए स्वास्थ्य बीमा योजना
– परिवहन निगम की बसों में निशुल्क यात्रा सुविधा गैर मान्यता प्राप्त दैनिक समाचार के पत्रकारों को मिले।
– पत्रकार सुरक्षा एक्ट बने।
– बढती आबादी के बाद उपमंडल स्तर पर दो व जिला स्तर पर तीन पत्रकारों को मिले मान्यता।
-गैर मान्यता प्राप्त पत्रकारों को भी रैस्ट हाऊस में ठहरने की सुविधा मिले
-बढते डिजीटल मीडीया के कदमों के कारण उचित वैब पॉलिसी सरकार बनाए।
– उपमंडल स्तर पर फोटोग्राफरों को मान्यता देने का प्रावधान हो।
-प्रेस क्लबों में विद्युत कनेक्शन घरेलू दरों पर हो न कि कामर्शियल दरों पर हो।