परवरिश : अपने बच्चे को अनुशासित बनाने के चक्कर में कहीं आप भी तो नहीं कर रहे ये गलती…
कई बार पेरेंट्स अपने बच्चे को बहुत ज्यादा अनुशासित बनाने के चक्कर में कई बार ऐसी गलतियां कर जाते हैं, जो बाद में उन्ही को हावी हो जाती है। ऐसे में कहीं आप भी तो नहीं अपने बच्चे के साथ कर रहे है ये गलतियां…
बच्चों को अनुशासित करने के चक्कर में पेरेंट्स न करें ये गलतियां, पड़ेगा उल्टा असर…
बच्चों को अनुशासन में रखना बहुत जरूरी होता है क्योंकि अनुशासित बच्चों का व्यक्तित्व भी अन्य बच्चों की तुलना में अलग होता है जबकि आजकल बच्चे जितनी शैतानियां करते हैं उस हिसाब से उन्हें कुछ भी सिखाना काफी मुश्किल हो सकता है।
आज के समय में बच्चे इतने शरारती है की उनको किसी भी नियम से बांधना या कुछ अनुशासन सीखना मुश्किल नहीं बल्कि नामुमकिन सा लगता है। और देख कर यही लगता है की उनके जीवन में अनुशासन की कमी है।
कई बार पेरेंट्स अपने बच्चों को अनुशासन सिखाने के चक्कर में बहुत से ऐसे काम कर जाते है जिनका खामियाजा उनको बाद में भुगतना पड़ता है। ऐसे में यदि आप अपने बच्चों को अनुशासन में रखना सोच रहें है तो कभी भी भूल कर भी ये गलती न करें।
बच्चों को अनुशासित करने में पेरेंट्स न करें ये गलतियां…
बच्चों की परवरिश के दौरान माता-पिता की सबसे बड़ी जिम्मेदारी यह होती है कि बच्चों को अच्छे संस्कार और अनुशासन सिखाएं। बच्चों में अनुशासन होने से उनका व्यक्तित्व निखरता है और उनमें कई अच्छे गुण विकसित होते हैं।
आजकल सोशल मीडिया में लगातार टच में रहने के कारण बच्चे ज्यादा ही फास्ट फॉरवर्ड हो गए हैं जिसका उनकी जीवन शैली पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। इसलिए हमे कुछ सावधानियां बरतनी आवश्यक है।
ये 5 संकेत बताते हैं कि अनुशासनहीन हो रहे हैं आपके बच्चे, जानें अनुशासन सिखाने के तरीके
1. बच्चों के प्रति बहुत अधिक नकारात्मक होना।
बच्चों को अनुशासन सिखाने के चक्कर में माता पिता अकसर अपने बच्चों के प्रति नकारात्मक हो जाते हैं। बच्चों के प्रति नकारात्मक होने की वजह से उनके मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है।जिसका प्रभाव बच्चों पर लंबे अरसे तक बना रहता है।
2. बच्चों के सामने खुद अनुशासनहीन होना।
माता पिता जैसा व्यवहार बच्चों के सामने करते हैं वैसा ही व्यवहार बच्चे अपनाते हैं। ऐसे में बच्चों के सामने आपको कोई भी ऐसा व्यवहार नहीं करना चाहिए जिसकी वजह से उन पर बुरा असर पड़े। माता पिता बच्चों के लिए रोल मॉडल का काम करते है इसलिए खुद को को सुधार कर माता पिता बच्चों को बदलाव कर सकते हैं।
3. बहुत ज्यादा कठिन नियम न बनाएं।
हर घर के अलग नियम होते हैं और नियम हमेशा सबके लिए एक जैसे होना चाहिए क्योंकि जो नियम हम अपने लिए बनाते है वही नियम हमारे बच्चे फॉलो करते हैं जैसे समय पर खाना, समय पर सोना, ये कुछ ऐसे नियम है परिवार को एक दूसरे से जोड़ते हैं पर नियम बच्चों के लिए हमेशा ऐसे हो की बच्चे उसका आसानी से फॉलो कर सकें।
4. बच्चों के अच्छे कार्यों की अनदेखी।
बच्चों को अनुशासन सिखाने में बहुत बड़ी भूमिका इस बात की भी है की आपके बच्चों को आप मोटिवेट करें। उन्हे अच्छा और नया करने के लिए प्रेरित करें।
अगर आपका बच्चा कुछ ऐसा कार्य कर रहा है जो अच्छा है उनको और अच्छा करने के लिए प्रेरित करते रहें। माता-पिता बनकर नहीं उनके दोस्त बनकर उन्हें समझने की कोशिश करें। उनकी सरहाना करें। ऐसा न करने से बच्चों पर उल्टा असर हो सकता है।
5. बच्चों की बात न सुनना।
हमेशा बच्चों पर अपनी बात नही थोपनी चाहिए क्योंकि ऐसे में बच्चे का आत्मविश्वास कमजोर होता है। हमेशा अपनी बात कहने के बाद बच्चे की बात जरूर सुन लेनी चाहिए। उसकी उस विषय में क्या राय है ? यह सुन कर बच्चे का आपके साथ कम्युनिकेशन मजबूत होता है।
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