पांवटा साहिब की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संतोष गुलाटी बनीं मिसाल
पांवटा साहिब। बच्चों के भविष्य और संस्कारों की नींव मजबूत करने में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संतोष गुलाटी ने खास पहचान बनाई है। वर्ष 2009 से वार्ड नंबर 5/2 में कार्यरत संतोष गुलाटी बच्चों की परवरिश को घर जैसा माहौल देती हैं।
उनका मानना है कि आंगनबाड़ी आने वाले बच्चे केवल पढ़ाई में ही नहीं, बल्कि संस्कार और तहजीब में भी आगे होने चाहिए। वह बच्चों को शुरू से अच्छी आदतें सिखाने पर जोर देती हैं।
संतोष गुलाटी बताती हैं कि बच्चों से उनका रिश्ता इतना गहरा है कि वह अपना अधिकतर समय उन्हें संस्कार और शिष्टाचार सिखाने में लगाती हैं। यही कारण है कि कई बार उन्हें उनके काम के लिए सम्मानित किया जा चुका है।

उन्होंने अपने केंद्र को सुंदर और आकर्षक सजावट से सजाया है। इस कारण यहां आने वाले बच्चों को कभी यह महसूस नहीं होता कि वे घर से बाहर हैं। वे खुशी-खुशी अपनी अध्यापिका के साथ समय बिताते हैं।
बच्चों को गीत, कहानियों और खेल-खेल में सीखने की आदत डालने वाली संतोष गुलाटी की कार्यशैली सभी को प्रभावित करती है। बच्चों की छोटी-छोटी उपलब्धियों पर वह उन्हें प्रोत्साहित करती हैं और उनके आत्मविश्वास को बढ़ाती हैं।
वार्ड के लोग भी मानते हैं कि संतोष गुलाटी ने आंगनबाड़ी को एक परिवार की तरह चलाया है। उन्होंने न सिर्फ शिक्षा, बल्कि संस्कारों को भी प्राथमिकता दी है। यही वजह है कि उनके केंद्र से जुड़े बच्चे समाज में अच्छे संस्कारों के साथ आगे बढ़ रहे हैं।
संतोष गुलाटी का कहना है कि उनकी सबसे बड़ी खुशी बच्चों को मुस्कुराते हुए देखना है। वह चाहती हैं कि आंगनबाड़ी से जुड़ा हर बच्चा पढ़ाई के साथ-साथ संस्कारों में भी निखर कर निकले।