पांवटा साहिब में घरेलू हिंसा का बढ़ता ग्राफ: 153 शिकायतें, नशा और दहेज प्रमुख कारण….
पांवटा साहिब में घरेलू हिंसा के मामले चिंताजनक ढंग से बढ़ रहे हैं। महिला बाल विकास कल्याण विभाग के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2024-25 में 153 शिकायतें दर्ज हुईं। यह आंकड़ा समाज में हिंसा और लैंगिक भेदभाव की गंभीर स्थिति को उजागर करता है।
इनमें से 55 मामले कोर्ट में लंबित हैं। 82 मामलों का समाधान परियोजना कार्यालय स्तर पर हुआ, जबकि 16 मामले विभागीय स्तर पर अटके हैं। विभाग की टीमें इनके निपटारे के लिए सक्रिय हैं।
घरेलू हिंसा के पीछे नशा, अनपढ़ता, ऊंच-नीच की मानसिकता और दहेज जैसी सामाजिक कुरीतियां प्रमुख कारण हैं।
जानकारी देते हुए प्रोटेक्शन ऑफिसर परीक्षा शर्मा ने बताया कि नशे की लत के चलते पुरुष अक्सर हिंसा का सहारा लेते हैं। अनपढ़ता के कारण महिलाएं अपने अधिकारों से अनजान रहती हैं। दहेज की मांग और जातिगत भेदभाव भी हिंसा को बढ़ावा दे रहे हैं।
महिला बाल विकास कल्याण विभाग जागरूकता अभियान चला रहा है। ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ के तहत गांवों में कार्यक्रम हो रहे हैं। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता लोगों को शिक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। इन अभियानों में नशामुक्ति, शिक्षा और सामाजिक समानता पर जोर दिया जा रहा है।
विशेषज्ञों का कहना है कि बढ़ते मामले महिलाओं में जागरूकता का संकेत हैं। फिर भी, सामाजिक कुरीतियां हिंसा को बढ़ा रही हैं। परीक्षा शर्मा ने कहा कि नशे और दहेज जैसे मुद्दों पर सख्त कार्रवाई जरूरी है। शिक्षा को बढ़ावा देकर ही मानसिकता बदली जा सकती है।
स्थानीय प्रशासन से लंबित मामलों के जल्द निपटारे की मांग है। जागरूकता अभियानों को और सशक्त करना होगा। हिंसा की जड़ों को खत्म करने के लिए समाज को एकजुट होकर काम करना होगा।
महिलाओं के लिए सुरक्षित माहौल बनाने की जरूरत है। सामाजिक बदलाव और कठोर कानूनी कदम ही इस समस्या का समाधान कर सकते हैं।