पांवटा साहिब में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ पर पुलिस को संवेदनशीलता प्रशिक्षण! लैंगिक न्याय और कानूनों की जानकारी से भरा एक दिन
पांवटा साहिब, 27 मार्च 2025: आज बाल विकास परियोजना पांवटा साहिब ने जिला सिरमौर के IRBN ढौला कुआं में एक खास कार्यशाला आयोजित की। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना के तहत पुलिस कर्मियों को लैंगिक संवेदनशीलता का पाठ पढ़ाया गया। यह आयोजन खंड स्तर पर हुआ, जिसमें 70 पुलिसकर्मियों ने हिस्सा लिया।
कार्यशाला में घरेलू हिंसा एक्ट, पोक्सो एक्ट 2012, जेजे एक्ट 2015, चाइल्ड लेबर एक्ट 1986 और चाइल्ड मैरिज एक्ट 2006 पर विस्तार से चर्चा हुई। इन कानूनों की बारीकियां समझाने का जिम्मा बाल विकास परियोजना अधिकारी, ICDS पर्यवेक्षकों और प्रोटेक्शन ऑफिसर ने उठाया।
पुलिस डिप्टी कमांडेंट प्रवीर ठाकुर और इंस्पेक्टर रीता देवी ने भी अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि लैंगिक संवेदनशीलता पुलिस सेवा में कितनी जरूरी है। CDPO गीता सिंगटा ने इस मौके पर सभी को प्रेरित किया।
कार्यशाला में सुपरवाइजर कला शर्मा, इंदरजीत, नीलम, सुनीता, दीपा मौजूद रहे। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता नीलम, रीता, बिनीता और सुलोचना ने भी योगदान दिया। बटालियन के 70 जवानों ने उत्साह से भाग लिया।
यह प्रशिक्षण पुलिस को समाज में महिलाओं और बच्चों के प्रति संवेदनशील बनाने के लिए था। कानूनों की जानकारी से उनकी सेवा और प्रभावी होगी। आयोजन का मकसद लैंगिक न्याय को बढ़ावा देना था।
गीता सिंगटा ने कहा, “ऐसे कार्यक्रमों से जागरूकता बढ़ती है। पुलिस और समाज मिलकर बेटियों की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं।” यह पहल हिमाचल प्रदेश में बेटियों के हक के लिए एक कदम आगे बढ़ाती है।
कार्यशाला में शामिल पुलिसकर्मियों ने इसे उपयोगी बताया। एक जवान ने कहा, “हमें कानूनों की गहराई समझ आई। अब हम बेहतर तरीके से काम कर पाएंगे।” यह आयोजन भविष्य के लिए भी प्रेरणा बनेगा।
बाल विकास परियोजना और IRBN का यह संयुक्त प्रयास सराहनीय रहा। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना के तहत ऐसे और कदम उठाने की जरूरत है। इससे समाज में बदलाव की उम्मीद जगी है।