पांवटा साहिब में NHM कर्मियों की हड़ताल से चरमराई स्वास्थ्य सेवाएं
NHM कर्मियों की हड़ताल दूसरे दिन भी जारी, काम प्रभावित, मरीजों परेशान
एनएचएम स्वास्थ्य कर्मचारियों पांवटा साहिब सिविल अस्पताल में पेन डाउन आंदोलन दूसरे दिन भी जारी रहा। स्वास्थ्य कर्मचारियों के हड़ताल से काम प्रभावित हो रहा है। जिस कारण मरीजों का परेशानियों का सामना करना पड़ा।
एनएचएम स्वास्थ्य कर्मी ने अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ रोष प्रकट करते हुए बुधवार से सिविल अस्पताल पांवटा साहिब में पेन डाउन आंदोलन शुरू किया।
बारिश के बावजूद भी दूसरे दिन भी पेन डाउन आंदोलन जारी है। उपमंडल पांवटा साहिब के 16 एनएचएम स्वास्थ्य कर्मी हड़ताल पर है। जिनमें से 6 डॉक्टर व लेब टेक्नीशियन मौजूद है।
इन डॉक्टरों में से कई डॉक्टर की कोविड़ संक्रमण से पीड़ित होम आइसोलेशन मरीजों के देखभाल के लिए ड्यूटी लगी है तथा डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने से कोविड-19 मरीजों को बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है साथ ही समय पर अस्पतालों में टीवी सहित अन्य टेस्ट वगैरह भी नहीं हो पा रहे है।
राज्य स्वास्थ्य समिति अनुबंध कर्मचारी संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉक्टर हिमांशु कौशिश, रविन्द्र, डॉ.सुमित, डॉ. नर्मता, डॉ.अंजू, रामदत्त राणा, प्रविण मित्तल, कौशल्या, महेंद्र, रणजीता, संतोष, इंदूबाला, उर्मिल, मोनिका आदि ने सरकार से मांग की है कि जल्द से जल्द राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कर्मचारियों के लिए स्थाई नीति बनाई जाए तथा जिस प्रकार अन्य सोसाइटी के कर्मचारियों को सरकार ने रेगुलर किया है।
उसी प्रकार से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत विभिन्न कार्यक्रमों को संभाल रहे कर्मचारियों को भी रेगुलराइज करके पिछले 23-24 सालों से जो उनका शोषण चला आ रहा है। उसको खत्म किया जाए जैसा कि इस सरकार से उम्मीद भी की गई है।
उन्होंने बताया की स्वास्थ्य कर्मियों ने कोविड-19 जैसी भयानक महामारी में अपनी जान की परवाह किए बिना उसे खत्म करने के लिए दिन रात एक कर लगातार कार्य किया है। इसके अलावा पोलियो, लेप्रोसी, ट्यूबरक्लोसिस एमआर वैक्सीनेशन एवं अन्य जितने भी स्वास्थ्य कार्यक्रम चल रहे हैं उसमें इनके कार्य की अहम भूमिका रही है फिर भी यह वर्ग सदा ही सरकार की अपेक्षाओं का शिकार रहे हैं। इसलिए हमें भी आंदोलन का रुख करना पड़ा है।
उन्होंने सरकार से यही गुहार लगाई है कि अब तो आंखें खोलो सरकार अब तो हमारे बारे में भी विचार करो अब तो हमें भी इस बेबसी से बाहर निकालो और हमारे हक हमें प्रदान करो ताकि हमारे परिवारों का भरण पोषण भी अच्छे से हो सके क्योंकि इतनी कम सैलरी में यह मुमकिन नहीं है।
उन्होंने कहा की जब तक सरकार हमारी यह पूर्णता जायज मांगे पूरी नहीं कर देती तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा और आंदोलन राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कर्मचारियों द्वारा पूरे हिमाचल प्रदेश में सरकार के प्रति रोष प्रकट किया जा रहा है।
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