पास पड़ोस : आरटीआई की अनदेखी करने पर चार स्कूलों पर मान्यता रद्द होने का खतरा
बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डा गीता खन्ना ने बताया कि आरटीई की अनदेखी करने वाले चार स्कूलों की मान्यता रद्द करने के लिए शिक्षा विभाग को पत्र लिखा गया है। जबकि एक अन्य मामले पर विधिक राय के लिए हाईकोर्ट को भी पत्र लिखा है।
बाल अधिकार संरक्षण आयोग उत्तराखंड की अध्यक्ष डा गीता खन्ना की अध्यक्षता में आयोग का एक साल का कार्यकाल पूरा होने पर आयोग ने अपने अब तक के कार्य और अनुभवों को साझा किया है।
जानकारी देते हुए बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डा. गीता खन्ना ने कहा निजी स्कूलों की निगरानी के लिए एक मॉनिटरिंग कमेटी बनाई जाएगी।
जानकारी देते हुए सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में मीडिया से बातचीत करते हुए आयोग की अध्यक्ष ने कहा आयोग ने शिक्षा विभाग को आदेश दिए हैं कि आरटीई की अनदेखी करने वाले इन स्कूलों बाहर बोर्ड लगाया जाए कि इन स्कूलों की मान्यता का मामला चल रहा है ताकि नए शिक्षा सत्र में बच्चे परेशान न हों।
उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग निजी स्कूलों की ठीक से निगरानी नहीं कर पा रहा है क्योंकि विभाग के पास काम का दबाव है। आयोग ने शिक्षा विभाग को एक नोडल अधिकारी बनाने की सलाह दी है जो आयोग के साथ मिलकर काम कर सके।
बता दें कि आयोग की अध्यक्ष ने 70 बाल विधायकों के चयन और इनके माध्यम से किए गए कार्यों की भी जानकारी भी दी है।
बाल आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि इस आयोग ने बालश्रम के खिलाफ अभियान चलाकर 111 बच्चों को बाल श्रम मुक्त कराया और उन्हें शिक्षा से जुड़ा है तथा बाल श्रम करवाने वालों 56 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
उन्होंने बताया कि आयोग में अब तक 280 शिकायतें आई थी जिनमें से 79 का आयोग ने खुद से ही निपटारा कर दिया है।
उन्होंने कहा कि आयोग की ओर से 4 तरह की नियमावली बन कर तैयार होने वाली है,जिसमे
कोचिंग संस्थानों की मनमानी पर रोक के लिए कोचिंग संस्थानों के लिए नियमावली, बाल नीति, किड्स स्कूल के लिए नियमावली एवं नशा मुक्ति केंद्रों के लिए नीति बनेगी।
उन्होंने कहा कि आने वाले समय में भी आयोग विभिन्न प्रकार के प्रयास अपनी तरफ से करता रहेगा ताकि आने वाली पीढ़ी का भविष्य अंधकार मुक्त हो।