पूर्व विधायक बलदेव तोमर ने हर्षवर्धन पर बोला हमला, लगाए ये 3 गंभीर आरोप…
हिमाचल प्रदेश खाद्य एवम् आपूर्ति निगम के उपाध्यक्ष और पूर्व विधायक बलदेव तोमर ने शिलाई के विधायक हर्षवर्धन के खिलाफ हमला बोला है। उन्होंने शिलाई में कांग्रेस की रोजगार संघर्ष यात्रा के दूसरे दिन पांवटा साहिब के पीडब्ल्यूडी रैस्ट हाऊस सभागार में पत्रकार वार्ता कर विधायक हर्षवर्धन चौहान पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
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1) सबसे पहले पूर्व विधायक बलदेव तोमर ने अपने संबोधन में कहा की प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह के पुत्र और शिमला ग्रामीण से विधायक विक्रमादित्य सिंह के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि विक्रमादित्य सिंह को राजनीति विरासत में मिली है जबकि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर एक किसान के बेटे हैं जो संघर्ष करके यहां तक पहुंचे हैं। ऐसे जमीन से जुड़े लोकप्रिय मुख्यमंत्री के बारे में अभद्र भाषा का प्रयोग करना विक्रमादित्य को शोभा नहीं देता।
उन्होंने कहा कि देश के कई राज्यों में रिवाज बदला है और भाजपा की सरकार रिपीट हुई है। इसी तरह हिमाचल प्रदेश में भी इतिहास और रिवाज बदलेगा।
2) भाजपा नेता बलदेव तोमर ने पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि गिरिपार को जनजातीय दर्जा दिलाने के मुद्दे पर कांग्रेस के नेताओ ने चुप्पी साध रखी है। उन्होंने कहा कि शिलाई रेस्ट में महाखुमली के दौरान हर्षवर्धन चौहान ने हाटी जनजातीय मुद्दे के लिए खून बहा देने की बात कही थी।
लेकिन इसके बाद उन्होंने मांग को आगे ले जाने वाली हाटी खुमलियों में आना बंद कर दिया। यहां तक की शुक्रवार को कफोटा में आयोजित कांग्रेस रैली के दौरान कांग्रेस नेताओं ने हाटी के मुद्दे का जिक्र तक नहीं किया। जिससे गिरिपार को जनजातीय दर्जा दिलाने के मुद्दे पर कांग्रेस नेताओं की नियत साफ हो गई है।
3) पूर्व विधायक ने शिलाई के विधायक हर्ष वर्धन चौहान पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वे शिलाई को विकसित क्षेत्र बताते हैं, जबकि उनके कार्यकाल में शिलाई का नही बल्कि उनका खुद का विकास हुआ।
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उन्होंने कहा की हर्षवर्धन चौहान का राजधानी शिमला में चार मंजिला मकान, नाहन के माल रोड पर आलीशान कोठी, पंचकुला में संपत्ति, पांवटा साहिब में चार मंजिला ईमारत, राजगढ़ में बगीचा और शिलाई नाया में एक विधवा महिला की भूमि पर बगीचा, भूमि की मालिक विधवा महिला को डराया धमकाया गया और फिर शांत किया गया। शिलाई की जनता जानती है कि किसने भ्रष्टाचार किया है?
उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि उनका परिवार साठ साल से राजनीति में है। जब हर्षवर्धन खुद विधायक बने तभी भी विधायकों का वेतन काफी कम था। तो ऐसे में उन्होंने इतनी संपत्ति कहां से अर्जित की ? विधायक ने 2012 से पहले अपनी विधायक निधि का जनता को कोई हिसाब नही दिया, जल्द ही उसका भी खुलासा करेंगे।
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उन्होंने शिलाई के विधायक द्वारा लगाए आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि विधायक निधि का पैसा डीसी के माध्यम से पंचायत प्रधानों तक जाता है। पंचायत प्रधानों से पंचायत में काम करने वाले लोगों तक, इसलिए हर्षवर्धन शिलाई की जनता को गुमराह करने का प्रयास न करें।