बेटियों के सुनहरे भविष्य के लिए: सुकन्या समृद्धि योजना बनाम म्युचुअल फंड
यदि आप भी ऐसे अभिभावक है जो बेटियों के भविष्य को लेकर चिंतित है तो आज के इस लेख में हम आपको बेटियों के भविष्य को सुरक्षित और सुनहरा बनाने की कुछ विकल्प लेकर आए हैं। आज हम आपको दो लोकप्रिय निवेश योजनाओं के बीच तुलना उपलब्ध कराने वाले हैं ताकि आप अपनी बच्चियों के लिए एक बेहतरीन निवेश विकल्प चुन सके और अपनी सुविधा अनुसार इसमें निवेश कर सकें। आज हम आपको सुकन्या समृद्धि योजना और म्युचुअल फंड के बीच तुलना उपलब्ध करवाएंगे ताकि आप इन दोनों योजनाओं के फायदे सीमा जान सके और सही विकल्प का चुनाव कर सके।
सुकन्या समृद्धि योजना
सुकन्या समृद्धि योजना बेटियों के नाम पर खोला जाने वाला ऐसा खाता है जो माता-पिता बच्ची के जन्म से लेकर 10 वर्ष की आयु तक खोल सकते हैं। इस खाते में अभिभावक न्यूनतम 250 रुपए से लेकर अधिकतम 1.5 लाख रुपए तक निवेश कर सकते हैं जिसमें 15 वर्ष लगातार निवेश करना होता है और मैच्योरिटी 21 वर्ष में हो जाती है। इस योजना पर सरकार 8.2% प्रतिवर्ष ब्याज प्रदान करती है जो कि बिना किसी जोखिम के दिया जाता है वही इस खाते पर टैक्स छूट भी दी जाती है।
म्युचुअल फंड
म्युचुअल फंड एक ऐसी निवेश योजना होती है जहां अभिभावक शेयर ,बांड, डेब्ट इत्यादि में निवेश कर सकता है। यहां ग्राहक को 12% से 15% ब्याज मिल सकता है जिसमें लगातार बाजारी जोखिम जुड़ा हुआ होता है। हालांकि इस सुविधा में दीर्घकालीन निवेश लाभदायक सिद्ध होते हैं जहां ग्राहक SIP से अनुशासित निवेश का लाभ उठा सकता है। इस योजना में भी ग्राहक को टैक्स सेविंग विकल्प उपलब्ध करवाया जाता है।
आइए इस तुलना को उदाहरण के साथ समझते हैं
उदाहरण के लिए यदि किसी निवेशक को ₹50000 वार्षिक निवेश करना है और वह सुकन्या समृद्धि योजना में निवेश करना चाहता है तो उसे 15 वर्ष तक हर वर्ष इस योजना में निवेश करना होगा। जहां 8% प्रतिवर्ष की दर से ब्याज मिलेगा अर्थात बेटी की 21 वर्ष की आयु होने पर निवेशक को 21 से 23 लाख रुपये एक मुफ्त मिलेंगे।
वहीं यदि कोई निवेशक मासिक 3000 रुपए SIP में निवेश करना चाहता है तो उसे कम से कम 18 वर्ष SIP में निवेश आरंभ करना होगा। जहां 12% सालाना रिटर्न होगा अर्थात इस फंड से निवेशक को 23 से 25 लाख रुपए रिटर्न प्राप्त होगा।
SSY या SIP क्या है बेहतर?
उपरोक्त उदाहरण से यह स्पष्ट होता है कि यदि कोई व्यक्ति जोखिम लेना चाहता है और बाजारी निवेश करना चाहता है तो उनके लिए SIP फायदेमंद होगा परंतु यदि व्यक्ति की निवेश राशि कम है और वह सालाना केवल 250 रुपए तक का ही निवेश कर सकता है तो उसे सुकन्या समृद्धि योजना में निवेश करना चाहिए जिसमें बाजारी जोखिम बिल्कुल भी नहीं है और सरकारी समर्थन मिलता है।
करें दोनो के बीच स्मार्ट फाइनेंशियल प्लानिंग
हालांकि निवेशक चाहे तो एक बेहतर फाइनेंशियल प्लानिंग तैयार कर सकता है जिसमें अपनी निवेश राशि का आधा पैसा सुकन्या समृद्धि योजना और बाकी पैसा म्युचुअल फंड में लगा सकता है। उदाहरण के लिए निवेशक हर महीने ₹2000 सुकन्या समृद्धि योजना में ट्रांसफर कर सकता है और हर महीने ₹3000 म्युचुअल फंड में निवेश कर सकता है। इससे स्मार्ट फाइनेंशियल प्लानिंग भी संभव हो जाती है और मैच्योरिटी पर गारंटीड रिटर्न और बाजारी जोखिम सहित कंपाउंड इंटरेस्ट का लाभ भी प्राप्त होता है जिससे कुल अनुमानित फंड दुगना हो जाता है।
अर्थात सुकन्या समृद्धि योजना और म्युचुअल फंड दोनों के अपने लाभ और अपनी सीमाएं हैं परंतु आप एक स्मार्ट फाइनेंशियल प्लानिंग प्लान कर रहे हैं तो दोनों योजनाओं का संतुलित उपयोग करें और एक ओर गारंटीड सुरक्षित निवेश वहीं दूसरी ओर अधिक रिटर्न की संभावना वाले निवेश को अपनाएं।