रेणुका गोस्वामी। मनाली। मनाली में स्क्रब टायफस ने दस्तक दे दी है। एक सप्ताह के भीतर मिशन अस्पताल मनाली में छः मामले सामने आए हैं। छः लोगों में से चार का मिशन अस्पताल में उपचार चल रहा है, जबकि दो मरीजों को छूटी दे दी है।
कोविड-19 के साथ-साथ लोगों को अब स्क्रब टायफस बीमारी के खिलाफ भी जागरूक करना आवश्यक हो गयाहै। बरसात का मौसम है और इस दौरान स्क्रब टाइफस फैलने का खतरा अधिक होता है। लोगों को इसके बारे में जानकारी हो तो इससे समय रहते बचा जा सकता है। मिशन अस्पताल द्वारा सूचना देने के बाद स्वास्थ्य विभाग हरकत में आ गया है।
स्वास्थ्य विभाग की माने तो लोगों को स्क्रब टाइफस और अन्य जीवाणु तथा वायरस जनित रोगों से बचाव को लेकर शिक्षित एवं जागरूक करने पर बल दिया जा रहा है।
बीएमओ नग्गर डॉक्टर रणजीत ने बताया कि मिशन अस्पताल मनाली में स्क्रब टायफस के छः मामले सामने आए हैं जिनमे दो मरीजों को उपचार के बाद घर भेज दिया है। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग सतर्क है और लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक कर रहा है।
मिशन अस्पताल मनाली के प्रभारी डॉक्टर फिलिप ने बताया कि मनाली में अगस्त व सितंबर महीने में स्क्रब टायफस के फैलने की आशंका अधिक रहती है। उन्होंने बताया कि घर के आस-पास घास या झाड़ियां न उगने दें तथा समय-समय पर सफाई करते रहें। घर के आसपास कीटनाशकों का छिड़काव अवश्य करें। खेतों में काम करते समय हाथ व पैरों को अच्छे से ढककर रखें। समय पर डाक्टर को दिखाने पर इसका आसानी से इलाज संभव है।
डॉक्टर फिलिप ने बताया कि घास कटाई के समय सप्ताह में एक बार डोकसी सायक्लीन कैप्सूल अवश्य ले लें। बीमारी के लक्षण की बात करते हुए डॉक्टर फिलिप ने कहा कि स्क्रब टाइफस वाले मरीज को 104 से 105 डिग्री तक बुखार होता है, जोड़ों में दर्द, सांस में दिक्कत, गर्दन, बाजुओं के निचले भाग व कुल्हों में गिल्टियां होना इसके लक्षण होते हैं। कोई भी लक्षण दिखाई दे तो तुरंत नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र में जाकर डाक्टर को दिखाएं।