मल्टी टास्क वर्कर भर्ती नीति में महिलाओं की अनदेखी, भू दानी परिवारों की पुत्रवधुओं को नही मिल रहा लाभ
जयराम सरकार का महिला विरोधी चेहरा सामने आया, पांवटा साहिब के कांशीपुर के ग्रामीणों के समर्थन में उतरे कांग्रेस नेता
जिला कांग्रेस महासचिव हरप्रीत सिंह रतन ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया है कि हिमाचल प्रदेश के स्कूलों में मल्टी टास्क वर्कर भर्ती में हिमाचल सरकार के द्वारा महिलाओं की अनदेखी की है।
उन्होंने कहा कि सरकार के द्वारा जो नोटिफिकेशन पहले जारी की गई थी उसमें कहा गया था कि जमीन दान देने वाले परिवार के सभी सदस्यों को लाभ मिलेगा।
लेकिन जब सभी उम्मीदवारों ने अपना नामांकन भरा उसके बाद हिमाचल सरकार द्वारा अधिसूचना में बदलाव कर दिया। जो बदलाव किया गया उसमें जमीन दान देने वाले परिवार में केवल उसके पुत्र को ही इसका लाभ दिया जाएगा।
परिवार में पुत्रवधू , पोता व अन्य किसी को भी इसका लाभ नहीं दिया जाएगा। जिससे दानकर्ताओं परिवार के साथ काफी नाइंसाफी हो रही है। जिन परिवारों में पुत्रवधू हैं उनको न ही पिता की और से कोई न ही ससुराल की और से कोई लाभ नहीं मिल रहा है।
सरकार की इस नीति से जयराम सरकार का महिला विरोधी चरित्र सामने आया है। इस नीति में न केवल महिलाओं की अनदेखी की गई है बल्कि दूसरी तरफ परिवार में पोता व परिवार के अन्य सदस्य भी इस शोषण का शिकार हुए है।
उन्होंने पांवटा साहिब के एक मामले का जिक्र करते हुए कहा कि काशीपुर में डेढ़ सौ से अधिक परिवारों ने यहां मल्टी टास्क वर्कर की नियुक्ति पर नाराजगी जताई है। गांव लोगों के अनुसार भर्ती नीति की खामी का लाभ उठाते हुए मल्टी टास्क वर्कर भर्ती के रिजल्ट में पूरी धांधली की गई है। यहां के विधायक व प्रदेश सरकार में उर्जा मंत्री सुखराम चौधरी के चहेते को यहां पर नौकरी दी गई है।
जबकि ग्रामीण 2009 में भूमि दान कर चुके परिवार से महिला को इस नीति का लाभ देना चाहते थे। कांग्रेस नेता ने कहा की अगर ये भर्ती तत्काल रद्द न की गई तो वे अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे।