महाकुंभ 2025 का वायरल सन्यासी: 36 LPA की नौकरी छोड़ क्यों बने ‘IIT BABA’? जानें सफर की रहस्यमय कहानी….
कौन है यह IIT BABA? कैसे बन गया उनका जीवन एक प्रेरणादाई यात्रा
महाकुंभ 2025 का वायरल सन्यासी: महाकुंभ 2025 के आयोजन के दौरान सोशल मीडिया के बढ़ते प्रभाव की वजह से कुछ ऐसे चेहरे सामने आए हैं जिन्होंने सेलिब्रिटीज को भी पीछे छोड़ दिया है।
इन्हीं में से एक हैं IIT BABA, IIT BABA के नाम वाले इस बाबा का महाकुंभ 2025 के दौरान का एक वीडियो इतना वायरल हो गया की IIT BABA रातों-रात हर घर में चर्चा का विषय बन गए।
एक युवा पर पढ़ाई और नौकरी का दबाव ,घर का प्रतिकूल वातावरण और अकेलापन किस प्रकार गहरा असर छोड़ता है? इसका जीता जागता उदाहरण है यह IIT BABA.
कौन है यह IIT BABA क्या है इनका एजुकेशनल बैकग्राउंड?
IIT BABA के नाम से जाने जाने वाले व्यक्ति का असली नाम अभय सिंह ग्रेवाल है। अभय सिंह का जन्म 3 मार्च 1990 में हरियाणा के झज्जर में हुआ था। अभय सिंह की प्रारंभिक शिक्षा झज्जर में ही हुई।
अपनी प्रारंभिक शिक्षा के दौरान अभय सिंह का रुझान हमेशा से गणित, फिजिक्स, एरोनॉटिक्स ऐसे विषयों में रहा जिसकी वजह से उन्होंने IIT की तैयारी शुरू की और 2008 में IIT बॉम्बे में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में दाखिला लिया।
2014 तक अभय सिंह ने बीटेक की डिग्री प्राप्त कर ली और उसके पश्चात उन्होंने आईआईटी बॉम्बे से ही MTECH भी किया।
बीटेक एमटेक के बाद कैसा रहा IIT BABA का करियर ग्राफ
IIT से MTECH करने के पश्चात अभय सिंह ने कई अलग-अलग कंपनियों में जॉब भी किया और आखिरकार 2019 में उन्होंने कनाडा की एक मल्टीनेशनल कंपनी ज्वाइन की।
इस कंपनी को ज्वाइन करने के बाद उन्हें 36 LPA का पैकेज मिलता था। इतना भारी भरकम वेतन और सभी सुख सुविधाओं के बाद में भी अभय सिंह को अकेलापन परेशान करता था और यहीं से उन्हें लत लगी सिगरेट और शराब की, जिसकी वजह से उनके जीवन पर विपरीत प्रभाव भी पढ़ने लगा।
आखिरकार निर्रथक जीवन और अकेलेपन की वजह से उन्होंने भौतिक सफलता को ठुकराने का निर्णय लिया और अपनी नौकरी छोड़ दी।
अकेलेपन से लड़ने में दर्शनशास्त्र और आध्यात्मिकता का लिया सहारा
IIT BABA ने जब अपनी नौकरी छोड़ दी तब वे कई सारी किताबें पढ़ने लगे। उन्होंने आध्यात्मिक किताबों को पढ़ना शुरू किया। दर्शनशास्त्रियों के विचारों को जानना शुरू किया।
हालांकि इंजीनियरिंग के दौरान भी वे सुकरात प्लेटो जैसे लेखकों को पढ़ते आए थे परंतु अकेलेपन की वजह से उनमें आध्यात्मिक दृष्टिकोण का विकास हुआ और उन्होंने सब कुछ छोड़कर आध्यात्मिकता की राह अपनाने का फैसला लिया।
अभय सिंह का पारिवारिक माहौल और निजी जीवन को लेकर अनुभव
अभय सिंह के एक इंस्टाग्राम वीडियो को देखते हुए यह पता चलता है कि अभय सिंह के अपने माता-पिता के साथ कोई खास आत्मिय संबंध नहीं थे।
उनके वीडियो से पता चलता है कि उनके पिता उनकी माता पर हाथ उठाते थे और माता-पिता दोनों ही अभय सिंह पर भी दबाव बनाते थे।
उनके कई इंटरव्यू से यह भी पता चलता है कि माता-पिता को बेटे से केवल उम्मीदें थी जिसकी वजह से अभय सिंह को कभी भी एक खुशहाल पारिवारिक माहौल नहीं मिला ।
यहां तक की अभय सिंह की बीटेक के दौरान एक गर्लफ्रेंड भी थी परंतु माता-पिता के झगड़ों को देखते हुए अभय सिंह का शादी से विश्वास उठ चुका था।
ऐसे में अपनी प्रेमिका के साथ वह अपने रिश्ते को किस प्रकार आगे बढ़ाएं यह उन्हें समझ ही नहीं आ रहा था, जिसकी वजह से उन्होंने इस रिश्ते को भी खत्म करना जरूरी समझा।
एक वैज्ञानिक से बाबा बनने की कहानी
अभय सिंह जब 2021 में कनाडा से लौटे तब वे काफी विचलित थे, उन्हें समझ ही नहीं आ रहा था कि वह क्या करें? वह खुद की खोज करना चाहते थे, ऐसे में वापस भारत आते ही वह महादेव की शरण में गए।
उन्हें ऐसा लगा कि महादेव ही उन्हें रास्ता दिखा सकते हैं और उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन महादेव को समर्पित कर दिया।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर दिए गए इंटरव्यू के दौरान उन्होंने बताया कि उन्हें हर बार ऐसा लगता था कि जैसे महादेव उन्हें हर कठिनाई से बचा रहे हैं इसलिए उन्होंने माता-पिता को भगवान नहीं बल्कि भगवान को ही माता-पिता तुल्य बताया है।
अभय सिंह 2021 से लेकर अब तक अपने घर नहीं गए हैं और ना ही अपने माता-पिता से मिले हैं। वह आध्यात्मिकता को ही अपना सब कुछ मान चुके हैं और शिव में ही खुद को समर्पित कर चुके हैं।
बल्कि अभय सिंह साइंस के जरिए आध्यात्म को समझने का प्रयास कर रहे हैं। इसीलिए इंस्टाग्राम पर वायरल उनके हर वीडियो में आध्यात्मिक बातों के साथ-साथ साइंटिफिक तथ्य भी होते हैं जिसे कोई भी व्यक्ति झूठला नहीं सकता।
अभय सिंह को सबसे अलग उनकी कौन सी खूबी बनाती है?
अभय सिंह IIT BABA की तरह और भी कई सारे उभरते बाबा आपको सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर मिल जाएंगे परंतु अभय सिंह को इन सबसे अलग उनकी पढ़ाई लिखाई और इनका ज्ञान बनाता है।
एक साइंटिस्ट सब कुछ पढ़ने और समझने के पश्चात आध्यात्म को खोजने निकला है और अब वह आध्यात्म में विज्ञान और विज्ञान में आध्यात्म ढूंढ रहा है।
अभय सिंह के शब्दों में ही सब कुछ शिव और शिव में ही सब कुछ है। ऐसे में उनके इसी दृष्टिकोण की वजह से अभय सिंह सोशल मीडिया पर काफी पॉपुलर होते जा रहे हैं।
यहां तक कि उनकी बातें और उनके वीडियो भी युवाओं को काफी पसंद आ रहे हैं जहां वे युवाओं को भड़काने की बजाय असलियत बता रहे हैं।
महाकुंभ में किस प्रकार बड़ी अभय सिंह की लोकप्रियता
महाकुंभ के दौरान एक प्रेस रिपोर्टर जब अभय सिंह से बात कर रहे थे तब अभय सिंह द्वारा किए जाने वाले वार्तालाप में यह स्पष्ट झलक रहा था कि यह कोई पढ़ा लिखा और समझदार व्यक्ति है।
ऐसे में जब रिपोर्टर ने उनसे पूछा की आपका क्वालिफिकेशन क्या है तब अभय सिंह ने बताया कि वह एयरोस्पेस इंजीनियर है जिसके बाद से ही न्यूज़ चैनल और सोशल मीडिया पर यह वीडियो वायरल होने लगा और अभय सिंह की लोकप्रियता बढ़ती गई।
अभय सिंह की बढ़ती लोकप्रियता की वजह से जूना अखाड़े के संतों के साथ उनके कुछ मतभेद होने लगे। मीडिया रिपोर्ट की माने तो अभय सिंह ने अपने एक इंटरव्यू में गुरु शिष्य परंपरा और सन्यास को लेकर कुछ ऐसे बयान दिए जिससे अखाड़े के संत उनसे नाराज हो गए और उन्हें अखाड़े से निष्कासित कर दिया ।
हालांकि अभय सिंह फिलहाल किसी दूसरे संत के शिविर में रह रहे हैं परंतु उनकी लोकप्रियता में अभी भी कोई कमी नहीं आई है।
अंतिम बात..
कुल मिलाकर IIT BABA अभय सिंह ग्रेवाल की कहानी एक ऐसे युवा की कहानी है जो सब कुछ पा लेने के पश्चात भी संतुष्ट नहीं होता और स्वयं की खोज के चलते सब कुछ दांव पर लगाने के लिए भी तैयार हो जाता है।
यह कहानी एक ऐसे व्यक्ति की है जो विज्ञान और आध्यात्मिकता को एक दूसरे का पूरक मान रहा है और इसी तथ्य के दम पर कुछ विशेष करना चाहता है।