यह है कैंसर का रामबाण इलाज, अब टेंशन दूर…
मेडिकल साइंस की बेमिसाल उपलब्धि है यह खोज…
बीमारियों में असाध्य गिनी जाने वाली बीमारियों में एक है कैंसर और जब कभी भी किसी व्यक्ति को यह पता चलता है कि उसे कैंसर हो गया है तो वह पूरी तरह से विच्छिन हो जाता है। जिंदगी की आशा ही छोड़ देता है। यहाँ तक कि उसके सगे सम्बन्धी भी उससे यह कहने की हिम्मत नही जुटा पाते कि सब ठीक हो जायेगा। क्योंकि सभी को यही लगता है कि कैंसर ला ईलाज बीमारी है। इसका कोई इलाज नही।
लेकिन अब यह बात झूठी हो गयी है, अब कैंसर के रोगी को जिंदगी की आशा छोड़ देने की जरूरत नही है। अब मेडिकल साइंस ने कैंसर जैसी घातक बीमारी का इलाज भी ढूंढ निकाला है।
प्रोफेसर और छात्रा ने मिलकर ढूंढ निकाला हल…
प्राप्त जानकारी के मुताबिक अमेरिका की कोल्ड स्प्रिंग लेबोरेटरी के प्रोफेसर क्रिस्टोफर वकोक और स्नातक की पूर्व छात्रा सोफिया पोलनस्काया ने मिलकर संयुक्त रूप से कैंसर के इलाज की सम्भावित स्ट्रेटिजी खोज निकाली है, उनके मुताबिक अब कैंसर का इलाज संभव है और इस पर लगातार शोध कार्य जारी है।
क्या है खोज, कैसे होगा कैंसर का इलाज….
उक्त प्रोफेसर और छात्रा द्वारा की गई रिसर्च में यह बात कही गयी है कि वाइट ब्लड सेल्स में कैंसर उत्पन्न करने वाली कोशिकायें एक्यूट मायलोइड ल्यूकेमिया शरीर के एक विशेष प्रकार की प्रोटीन पर निर्भर रहती हैं इस प्रोटीन का नाम है SCP4 अर्थात अगर यह प्रोटीन न हो तो वाइट ब्लड सेल्स का घातक कैंसर अपना प्रसार नही कर पायेगा और उसका खात्मा हो जायेगा।
तात्पर्य यह है कि अगर वाइट ब्लड सेल्स कैंसर को खत्म करना है तो इसके लिये यह आवश्यक है कि SCP4 को उत्पन्न करने वाले जीन्स को खत्म कर दिया जाये जिससे कैंसर वाली सेल्स अपने आप खत्म हो जायेंगी।
ल्यूकेमिया के नाम से भी जाना जाता है वाइट ब्लड सेल्स कैंसर….
मेडिकल क्षेत्र में रोगों के अलग अलग तरह के नाम होते हैं इसलिये यह जानना भी जरूरी हो जाता है की वाइट ब्लड सेल्स को अन्य किस रूप में जाना जाता है। आपको बता दें कि ब्लड सेल्स से होने वाला कैंसर कई तरह का होता है जिनमे से जो वाइट ब्लड सेल्स को प्रभावित करता है। उसी को वाइट ब्लड सेल्स कैंसर अथवा दूसरे शब्दो में ल्यूकेमिया कहा जाता है,जिसका इलाज अब डॉक्टर्स ने ढूंढ लिया है।
मेडिकल साइंस की बेमिसाल उपलब्धि है यह खोज…
चूँकि कैंसर जैसा शब्द मरीजों को मनोवैज्ञानिक रूप से भी कमजोर कर देता है क्योंकि यह कहा जाता है कि इसका कोई इलाज नही है। परंतु मेडिकल की यह खोज अपने आप में अप्रतिम है। क्योंकि यह रोगियों को मनोवैज्ञानिक रूप से भी मजबूत बनायेगी और वह यह यकीन कर सकेंगे कि वह एक दिन ठीक हो जायेंगे।