राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्ट अप योजना: हिमाचल में राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्ट अप योजना के तहत जल्दी करें आवेदन! कैसे मिलेगा लाभ देखें पूरी डिटेल
राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्ट-अप योजना: हिमाचल प्रदेश सरकार ने युवाओं को रोजगार के नए अवसर प्रदान करने के लिए एक अनूठी पहल की है।
इस दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम उठाते हुए, सरकार ने राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्ट-अप योजना के अंतर्गत ई-टैक्सी योजना की शुरुआत की है।
यह योजना युवाओं को स्वरोजगार की दिशा में एक ठोस कदम बढ़ाने का अवसर प्रदान करती है।
राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्ट-अप योजना: हिमाचल में राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्ट अप योजना के तहत जल्दी करें आवेदन! कैसे मिलेगा लाभ देखें पूरी डिटेल
इस योजना के लिए आवेदनकर्ताओं को विशेष वेबसाइट etaxihpdt.org पर आवेदन करना होगा। आवेदक की न्यूनतम आयु 23 वर्ष निर्धारित की गई है, और उन्हें गाड़ी चलाने का अनुभव भी होना चाहिए।
इस योजना के तहत, केवल बोनाफाइड हिमाचली नागरिक ही लाभान्वित हो सकते हैं, और उन्हें ई-टैक्सी स्वयं चलानी होगी। प्रत्येक परिवार से केवल एक सदस्य ही इस योजना के लिए पात्र है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बताया कि इस योजना के पहले चरण में 500 ई-टैक्सी के परमिट जारी किए जाएंगे। इन ई-टैक्सियों को विभिन्न श्रेणियों में बांटा गया है, जिसके आधार पर मासिक किराये की दरें निर्धारित की गई हैं।
यह श्रेणियां ई-टैक्सियों की सुविधाओं और विशेषताओं के अनुसार तय की गई हैं, जिससे उपयोगकर्ताओं को विविध विकल्पों में से चुनने का अवसर मिलेगा।
इस योजना के माध्यम से, सरकार न केवल युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कदम उठा रही है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण की ओर भी एक महत्वपूर्ण पहल कर रही है।
ई-टैक्सियों के संचालन से वायु प्रदूषण कम होगा और यह हिमाचल प्रदेश को हरित ऊर्जा राज्य बनाने में सहायक होगा।
राज्य सरकार ने 31 मार्च 2026 तक हिमाचल प्रदेश को हरित ऊर्जा राज्य बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
इस दिशा में कदम उठाते हुए, ई-टैक्सी की खरीद पर 50 प्रतिशत सब्सिडी की पेशकश की जा रही है, और ऋण लेने की शर्तों में भी ढील दी जा रही है। इसके अलावा, ई-वाहनों की चार्जिंग के लिए आवश्यक ढांचा भी तैयार किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने यह भी बताया कि इस योजना का दूसरा और तीसरा चरण भी जल्द ही शुरू किया जाएगा, जिससे और अधिक युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे।
इसके साथ ही, सरकार ने हिमाचल के सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना के तहत लाभ देने का भी वादा पूरा किया है, जो उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
इस तरह, ई-टैक्सी योजना हिमाचल प्रदेश के युवाओं के लिए नए आयाम खोलती है। इस योजना के माध्यम से, सरकार ने न केवल रोजगार सृजन की दिशा में एक मजबूत कदम बढ़ाया है, बल्कि यह पहल पर्यावरण संरक्षण और हरित ऊर्जा की ओर भी एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
इस योजना से न सिर्फ युवाओं को स्वरोजगार के अवसर मिलेंगे, बल्कि हिमाचल प्रदेश की पर्यावरणीय स्थिति में भी सुधार होगा।
अंततः, इस योजना का लक्ष्य हिमाचल प्रदेश को एक हरित ऊर्जा राज्य के रूप में स्थापित करना है। इसके लिए विभिन्न सरकारी विभागों, स्थानीय प्राधिकरणों, स्वायत्त निकायों, बोर्ड, निगमों और सरकारी उपक्रमों में ई-टैक्सी का प्रचलन बढ़ाने की योजना है। इस प्रक्रिया में, युवाओं को नए अवसरों के साथ-साथ समाज में एक सार्थक योगदान देने का मौका भी मिलेगा।
इस प्रकार, यह योजना हिमाचल प्रदेश के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी, जो न केवल युवाओं के लिए, बल्कि पूरे राज्य के लिए लाभकारी होगा।