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लापता नाबालिग के परिजन एसडीएम कार्यालय के समक्ष बैठे धरने पर

लापता नाबालिग के परिजन एसडीएम कार्यालय के समक्ष बैठे धरने पर

लापता नाबालिग के परिजन एसडीएम कार्यालय के समक्ष बैठे धरने पर

सात माह पहले लापता हुई थी नाबालिग, परिजन जता रहे संदेह…

पुलिस व प्रशासन की जांच से संतुष्ट नहीं है परिजन…

Bhushan Jewellers Nov

न्यूज़ घाट/पांवटा साहिब

7 माह पूर्व रहस्यमयी ढंग से लापता नाबालिग बेटी के परिजन एसडीएम कार्यालय के समक्ष धरने पर बैठ गए हैं।

रविवार को परिजनों ने धरने पर बैठने की चेतावनी दी थी। धरने पर बैठे परिजनों ने एक बैनर लगाया हुआ है, जिसमें लिखा गया कि “गुड़िया हम शर्मिंदा है, तेरे कातिल जिंदा है”।

हैरानी की बात यह है कि परिजन यह मान रहे है कि उनकी नाबालिग बेटी अब जिंदा नहीं है। जबकि पिछले 8 माह से ऐसी कोई सूचना नही पाई और न ही उसकी कोई डेड बॉडी बरामद हुई है।

परिजन माजरा पुलिस, प्रशासन व स्थानीय नेताओं की कार्यशैली से सन्तुष्ठ नहीं हैं।
उनका आरोप है कि मामले में राजनेताओ का हस्तक्षेप अप्रत्यक्ष रूप से शामिल हैं। जिस कारण प्रशासन भी उनके दवाब में मौन हैं।

बता दें कि 9 अगस्त 2020 की शाम को बातापुल से कथित एक युवती के छलांग लगाने की बात सामने आई थी। पुलिस ने भी घटनास्थल पर पहुंच कर सत्यता जानने की कोशिश की, लेकिन कोई पुख्ता सबूत नहीं मिले।

परिजनों ने क्षेत्र के एक युवक पर नाबालिग युवती को बरगला कर ले जाने का आरोप लगाते हुए माजरा थाना में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। जिसके 7 माह उपरांत भी पुलिस युवती का कोई सुराग नहीं लगा पाई।

इस पूरे मामले से आहत नाबालिग के परिजन अब लघु सचिवालय के समक्ष धरने पर बैठ गए है।

गौरतलब हो कि एंटी करप्शन एंड क्राइम कंट्रोल फ़ोर्स के स्टेट चीफ नाथू राम चौहान ने भी मामले में एसपी सिरमौर से मांग की थी कि मामले की पूरी तहकीकात का व्यौरा तलब कर उच्च स्तरीय जांच दल का गठन किया जाए।

इस बारे में डीएसपी बीर बहादुर ने बताया कि मामले में हर पहलू से गहन जांच जारी हैं।

Written by newsghat

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