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वाह अब सिरमौर में पीएम कृषि सिंचाई योजना 2.0 से 12 पंचायतों को पानी की समस्या से मिलेगा निजात

वाह अब सिरमौर में पीएम कृषि सिंचाई योजना 2.0 से 12 पंचायतों को पानी की समस्या से मिलेगा निजात
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वाह अब सिरमौर में पीएम कृषि सिंचाई योजना 2.0 से 12 पंचायतों को पानी की समस्या से मिलेगा निजात

पांवटा साहिब की 9 पंचायतें होंगे लाभान्वित…

जिला सिरमौर में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना 2.0 के अंतर्गत जलागम विकास परियोजनाएं एवं स्प्रिंगशेड प्रबंधन 2.0 के तहत विकास खंड पांवटा साहिब की 9 पंचायतें जिनमें कलाथा बढ़ाना, शिवा रुदाना, टोहरू डांडा आन्ज, नघेता, डांडा, बइला, भरली, गोजर अडयान, राजपुरा व विकासखंड पच्छाद कीे 3 पंचायतों बानी बखोली, कुठार, टिकरी कुठार को पानी की समस्या से निजात दिलाया जाएगा।

यह जानकारी उपायुक्त सिरमौर राम कुमार गौतम ने आज बचत भवन में जिला ग्रामीण विकास अभिकरण द्वारा आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी।

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उपायुक्त ने बताया कि इस योजना के अंतर्गत 15 करोड से अधिक की राशि व्यय कर स्थानीय चश्मे व बावड़ियो का जीर्णाेद्धार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत बांधों, बावड़ी, कुहल, टैंक जलाशयों और कुओं को खोदने और निर्माण आदि के द्वारा जल संग्रह पर किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि इस योजना के अंतर्गत पांवटा साहिब विकासखंड की 9 पंचायतों की लगभग 3000 हेक्टेयर भूमि को जबकि विकासखंड का पच्छाद की 3 पंचायतों की 2600 हेक्टेयर भूमि में सिंचाई संबंधित समस्याओं को दूर किया जाएगा और खेती के लिए पानी की व्यवस्था की जाएगी।

उन्होंने बताया कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य कम संपन्न क्षेत्रों में कृषि की आर्थिक विकास दर में तेजी लाना और उन्नत सिंचित कृषि प्रणालियों को अपनाना है इसके अतिरिक्त किसानों के लिए ऊंचाई प्राप्त करने के लिए एवं लाभ के वितरण को समानता लाना है वाटर शेड एवं स्प्रिंगशैड पर निर्भर ग्रामीण समुदाय के आर्थिक विकास को बढ़ाना है और परियोजना क्षेत्र में प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण और विकास करना है।

उन्होंने स्प्रिंगशैड प्रबंधन की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि जल जंगल, जमीन, जानवर और जीवन को उन्नत करने के उद्देश्य से स्प्रिंग शैड प्रबंधन की आवश्यकता पर बल दिया जा रहा है।

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उन्होंने बताया कि इस योजना के मुख्य घटकों में स्प्रिंगशेड संरक्षण और उपयोग जल प्रबंधन और वर्षा जल संचयन वन रोपण मृदा अपरदन के कमी के लिए मृदा एवं भूमि प्रबंधन पशु प्रबंधन चरागाह विकास कृषि विकास में आय बढ़ाने के लिए कृषि वानिकी प्रणालियों जैविक खेती शामिल है।

उपायुक्त ने बताया कि इस योजना के अंतर्गत हिमाचल के 12 जिलों में 26 विकासखंड के कुछ पंचायतो को लिया गया है जिसके अंतर्गत 54000 हेक्टेयर क्षेत्र को उपचारित करने का लक्ष्य रखा गया है।

इस अवसर पर उपायुक्त ने सभी 12 पंचायतों के प्रतिनिधि और सचिवों से इस योजना के संबंध में विस्तार से चर्चा की, और निर्देश दिए की अगली बैठक से पहले इस योजना के अंतर्गत निर्मित की जाने वाली योजनाओं पर डीपीआर बनाए।

इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त सिरमौर मनेश कुमार जिला ग्रामीण विकास अभिकरण अधिकारी अभिषेक मित्तल सहित सभी 12 पंचायतों के पदाधिकारी उपस्थित रहे।

Written by Newsghat Desk

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