विधानसभा बजट पर चर्चा : सदन में जम हुआ हांगमा पक्ष विपक्ष में हुई नोकझोक, विपक्ष ने किया वाकआउट
हिमाचल प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र में मंगलवार को फिर से सत्ता पक्ष और विपक्ष में जमकर नोकझोंक देखने को मिली।
कांग्रेस के विधायक पवन काजल द्वारा बजट पर चर्चा के दौरान जल मंत्री पर लगाए गए आरोपों पर सदन में हंगामा शुरू हो गया । पवन काजल ने जल शक्ति मंत्री पर सभी परियोजनाओं को दो विधान सभाओं में ले जाने के आरोप लगाए जिस पर जल शक्ति मंत्री ने एतराज जताया और इन आरोपों को झूठा करार दिया।
इस पर सत्ता पक्ष और विपक्ष में बहस बाजी शुरू हो गई और सदन के अंदर ही एक दूसरे के खिलाफ नारेबाजी करने लगे वहीं विपक्ष वेल में काफी देर तक सदन के अंदर ही नारेबाजी करते रहे और सदन से वाकआउट कर बाहर आ गए। कांग्रेस ने जल शक्ति मंत्री पर विपक्ष के विधायकों को डराने धमकाने के आरोप भी लगाए गए।
नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि सरकार के जाने का समय आ गया है इनका सूर्य अस्त हो रहा है और यह घबरा गए हैं और इनकी उनको चिंता सता रही है जिसके चलते इनकी भाषा भी अमर्यादित हो गई हो गई है पहले मुख्यमंत्री इस तरह की भाषा का प्रयोग करते थे अब इनके मंत्री भी मुख्यमंत्री के पद चिन्हों पर चल रहे कांग्रेस के विधायकों को डराने धमकाने का प्रयास किया जा रहा है तू तड़ाक से बात कर रहे है जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा रहा है जाएगा।
इस सदन की कुछ अपनी गरिमा है और उसका और मर्यादित भाषा का प्रयोग सदन में किया जाना चाहिए लेकिन यह बदतमीजी पर उतर आए हैं मुकेश ने कहा कि जब मंत्रियों की पोल खुल रही है और अब ये आप से बाहर हो रहे है।
कांग्रेस के विधायक पवन काजल द्वारा कांगड़ा के साथ भेदभाव के आरोप लगाए थे और अपने क्षेत्र योजनाओं को 2 विधानसभा क्षेत्रों में ले जा रहे हैं इसको लेकर जब सवाल खड़े किए तो मंत्री डराने धमकाने की कोशिश कर रहे हैं जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा उन्होंने कहा कि सरकार कुछ दिनों की मेहमान है यह सरकार जाने वाली है। जिस तर्ज से बतमीजी कर रहे है ये सोच रहे है।
वहीं कांग्रेस विधायक पवन काजल ने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत मंडी को 12 करोड़ से ज्यादा दे दिया और कांगड़ा जहा साढ़े आठ करोड़ दिए इसके अलावा प्रधानमंत्री कृषि योजना के तहत 14 योजनाएं थी जिसमे 11 मंडी जिला को ओर तीन अन्य जिलों को दे दी और कांगड़ा को कुछ नही दिया।
जिस पर मंत्री जी आग बबूला हो गए और धमकाने लगे। और कहने लगे कि अपने ठेका ले रखा है ।मंत्री अमर्यादित भाष का प्रयोग करने लगे लेकिन वे डरने वाले नही है।