शहर में झुग्गी झोपड़ी में रहने 3008 भवन मालिको को मिलेगा मालिकाना हक
हिमाचल प्रदेश सरकार ने झुग्गी झोपड़ी में रहने वालों को मालिकाना हक देने का एलान किया है। सरकार के इस फैसले से राजधानी शिमला के 3008 भवन मालिकों को लाभ होगा। शहर में 36 बस्तियां हैं, जहां झुग्गी झोपड़ी और ढारे बना कर लोग रहते हैं।
यहां पर लोग लंबे समय से रह रहे हैं। इन्हें अब राज्य सरकार के इस कानून लाने के बाद मालिकाना हक मिल जाएगा । सबसे ज्यादा कृष्णा नगर में 1137 ढारे और घर ऐसे हैं, जो सरकारी भूमि पर बने हैं । ईदगाह में 345 घर ऐसे हैं। जिन्हें इसका लाभ मिलना है।
शहर के हर बड़े वार्ड से लेकर उप नगरों के छोटे-छोटे वार्ड में भी ऐसी बस्ती है। जहां पर लोगों ने सरकारी भूमि पर कब्जे पर घर बना रखे हैं, कई सदियों से वहां पर रहते हैं।
शिमला नगर निगम की मेयर सत्या कौंडल ने कहा कि राज्य सरकार ने यह फैसला लेकर शहर के लोगों को बड़ी राहत दी है । इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और शहरी विकास मंत्री का का आभार व्यक्त किया है।
उन्होंने कहा कि शहर के अधिकतर वार्डो में झोपड़ियां बनी है और ये काफी समय से मालिकाना हक की मांग कर रहे थे अब सरकार ने उनको मालिकाना हक देने का फैसला लिया है।
नगर निगम के पार्षद पूर्ण चंद ओर जगदीप सिंह बंगा ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया और कहा कि उनके वार्ड में भी काफी लोग ऐसे है जोकि झुग्गी झोपड़ी में रहते है और काफी समय से मालिकाना हक देने की मांग कर रहे थे और सरकार ने अब मालिकाना हक देने का फैसला है जिससे हजारो लोगो को फायदा मिलेगा।